NEW DELHI.
पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे और कांग्रेस नेता अनिल के एंटनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाः द मोदी क्वैश्चंस’ की कड़ी निंदा करने के एक दिन बाद पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी. इसके बाद उनके साथ जो हुआ वह कांग्रेस के रवैये पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें रात भर धमकी भरे कॉल और नफरत भरे संदेश मिले. एंटनी ने बताया, ‘पिछले 24 घंटों में बहुत सी चीजें हुईं, खासकर कांग्रेस के कुछ खेमों से जिससे मुझे बहुत दुख पहुंचा है. अपने पिछले ट्वीट्स में से एक को वापस लेने के लिए असहिष्णु कॉल का सामना करना पड़ा, जिसमें पीएम मोदी पर वृत्तचित्र की निंदा की थी और इसे खतरनाक मिसाल करार दिया था.’ अपने त्याग पत्र में अनिल के एंटनी ने कहा कि उन्होंने ट्वीट को वापस लेने की मांगों को नहीं माना और इसके बजाय पार्टी से अपना इस्तीफा देना बेहतर समझा है. पूर्व रक्षा मंत्री के बेटे ने राहुल गांधी द्वारा चल रही भारत जोड़ो यात्रा पर भी चुटकी ली.
अनिल एंटनी ने आज ट्वीट किया: ‘मैंने कांग्रेस में अपनी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया है. बोलने की आज़ादी के लिए लड़ने वालों द्वारा ट्वीट को वापस लेने के लिए असहिष्णु कॉल. मैने मना कर दिया. प्यार को बढ़ावा देने के चलन का समर्थन करने वालों द्वारा नफरत-अपशब्दों की फेसबुक वॉल! पाखंड तेरा नाम है! ज़िंदगी चलती रहती है. नीचे संशोधित इस्तीफा पत्र.’ अनिल के एंटनी ने कहा कि उनके लिए केपीसीसी डिजिटल मीडिया के संयोजक और कांग्रेस सोशल मीडिया और डिजिटल संचारसेल के राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में अपनी भूमिकाओं से हटना ही उचित होगा. अनिल के एंटनी ने तंज कसते हुए कहा, ‘अब तक मुझे अच्छी तरह से पता चल गया है कि आप, आपके सहकर्मी और नेतृत्व के आसपास की मंडली केवल चापलूसों और चमचों के झुंड के साथ काम करने के इच्छुक हैं, जो निर्विवाद रूप से आपके इशारे पर काम करेंगे. यह योग्यता का अकेला मानदंड बन गया है. दुख की बात है कि हमारे पास इससे ज्यादा सामान्य आधार नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं इस नकारात्मकता से प्रभावित हुए बिना और भारत के मूल हितों के खिलाफ इन विनाशकारी आख्यानों में शामिल हुए बिना अपने अन्य पेशेवर प्रयासों को जारी रखना पसंद करूंगा. मेरा दृढ़ विश्वास है कि ये समय के साथ इतिहास के कूड़ेदान में समाप्त हो जाएंगे.’ एंटनी ने 24 जनवरी को एक ट्वीट में बीबीसी पर निशाना साधते हुए इसे भारत के खिलाफ पूर्वाग्रहों के एक लंबे इतिहास वाला एक राज्य प्रायोजित चैनल करार दिया था. उन्होंने यह भी कहा, ‘बीजेपी के साथ बड़े मतभेदों के बावजूद ब्रिटेन के एक राज्य-प्रायोजित चैनल के साथ पूर्वाग्रहों का एक लंबा इतिहास है. इराक युद्ध के पीछे का दिमाग रहे जैक स्ट्रॉ भारतीय संस्थानों पर एक खतरनाक मिसाल कायम कर रहा है. यह हमारी संप्रभुता को कमजोर कर देगा.