RAIPUR. छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक को लेकर सीएम हाउस और राजभवन के बीच शुरू हुआ टकराव बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच, राज्यपाल अनुसुइया उइके ने जिलों का दौरा करने वाली हैं। इसके बाद सियासत शुरू हो गई है। इसके बाद सीएम भूपेश बघेल ने राज्यपाल पर िफर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे हुए व्यक्ति को अपने अधिकार का मान रखना चाहिए, उसका अतिक्रमण नहीं करना चाहिए। सीएम ने कहा कि अब आप दौरा करेंगी। समस्याओं का निदान करेंगी। मंत्रिमंडल आपको सलाह देने के लिए है। आपके पास कोई समस्या आती है, कोई जानकारी आती है तो उसे आप सरकार को सौंप दें। राज्य सरकार से जानकारी लें। यह उनका कार्य है। वे फील्ड में जाकर सीधा काम नहीं करेंगी। उसको यहां मनोनीत किया गया है, वह निर्वाचित नहीं है। यह निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का दायित्व है कि जनता की समस्याओं का निदान करने का काम करें। वे राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप पर यहां हैं।

गरियाबंद के सिरकिट्टी रवाना होने से पहले रायपुर में मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम भूपेश ने कहा कि अभी राज्यपाल जो राज्य सरकार से 10 सवाल पूछ रही है, यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। उन्हें विधानसभा में पारित बिल पर हस्ताक्षर करना चाहिए या फिर उसे वापस लौटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी कर्नाटक में आरक्षण 56 से बढ़ाकर 61 परसेंट होने की जानकारी मिली रही है। वहां राज्यपाल दस्तखत कर रहे हैं, लेकिन यहां की राज्यपाल राजनीति कर रही हैं।

बीजेपी नहीं चाहती, लोगों को अधिकार मिले
सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लगातार भर्तियां की जा रही है, बस युवाओं को अपने अधिकार के प्रति सजग रहना चाहिए। उन्हीं के लिए हम लोग ये योजनाएं लाएं हैं। लगातार भर्तियां कर रहे हैं। पहले भी स्वास्थ्य, शिक्षा, गृह विभाग सहित सभी विभागों में भर्तियां कीं। आगे भी करना चाहते हैं। आरक्षण विधेयक अटकने से न केवल सरकारी नौकरी, अब तो कॉलेज का एडमिशन भी प्रभावित हो रहा है। राज्य सरकार इसे लेकर पूरी तरह सजग है। इसलिए हमने तत्काल विशेष सत्र बुलाया। इसमें बीजेपी नहीं चाहती कि लोगों को उनका अधिकार मिले।



































