NEW DELHI.
एयर इंडिया के विमान में बुजुर्ग पर पेशाब करने वाले मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बड़ा कदम उठाते हुए आरोपी शंकर मिश्रा को जमानत दे दी है. यानी पेशाब कांड के 25 दिन बाद शंकर मिश्रा अब जेल से बाहर आएंगे. शंकर मिश्रा को दिल्ली पुलिस ने बीते 6 जनवरी को अपनी गिरफ्त में लिया था. वहीं शंकर मिश्रा को जमानत दिए जाने का दिल्ली पुलिस ने भी विरोध किया. हालांकि कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद शंकर मिश्रा को जमानत दे दी.
दरअसल शंकर मिश्रा पर आरोप है कि उसने 26 नवंबर को न्यूयॉर्क से नई दिल्ली आने वाली एयर इंडिया के विमान के बिजनेस क्लास में एक बुजुर्ग महिला पर शराब के नशे में पेशाब कर दिया था. इसके बाद 6 जनवरी को शंकर मिश्रा को दिल्ली पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था. वहीं इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से शंकर मिश्रा को जमानत देने की अपील की थी. दिल्ली पुलिस ने दलील दी थी कि, आरोपी की इस हरकत की वजह से भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि खराब हुई है.
इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शंकर मिश्रा की जमानत पर 31 जनवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया था. मंगलवार को कोर्ट ने शंकर को इस मामले में जमानत दे दी. हालांकि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि, निश्चित रूप से शंकर मिश्रा की ये हरकत घिनौनी है, इससे बदनामी भी हुई, लेकिन ये अलग मामला है और हमें इसमें नहीं पड़ना चाहिए. इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को ये भी कहा कि, आपकी ओर से जो गवाह नामित किए गए हैं वे आपके पक्ष में गवाही नहीं दे रही हैं. यही नहीं शिकायतकर्ता के बयान और इला बनर्जी के बयान में समानता नहीं है.
गौरतलब है कि अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में ये दलील भी दी गई थी कि शंकर मिश्रा ने जांच में सहयोग ही नहीं किया. उन्होंने अपने सभी मोबाइल फोन भी बंद कर दिए थे, जबकि पुलिस ने ये आशंका भी जताई कि शंकर मिश्रा जमानत मिलने के बाद गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, वे पहले ही शिकायतकर्ता को धमकी दे चुके हैं. दरअसल शंकर मिश्रा पर जो भी धाराएं लगाई गई हैं वो सभी जमानती हैं. ऐसे में कोर्ट ने दलील को सुनने के बाद शंकर मिश्रा को जमानत दे दी.