BILASPUR. वंदे भारत ट्रेन के दो रैक इस्तेमाल से पहले ही क्षतिग्रस्त हो गए। चेन्नई से आ रही वंदे भारत ट्रेन अपने नए रैक के साथ बुधवार देर रात बिलासपुर पहुंची थी। जब सुबह कोचिंग डीपो में जांच की गई तब पता चला कि ट्रेन की दो खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं। शीशे चटकने के ऐसे निशान तभी पड़ते हैं जब कांच को पत्थर से तेज मारा जाए. अनुमान लगाया जा रहा है कि चेन्नई से बिलासपुर आने के दौरान कहीं पथराव हुआ है। एक निश्चित स्थान कहां पथराव हुआ है, इसकी पता अभी तक नहीं चल सका है।

वंदे भारत ट्रेन अपनी नई रैक के साथ चेन्नई से बिलासपुर के लिए निकली थी. लेकिन रास्ते में ही पथराव हुआ और ट्रेन की दो खिड़कियों के कांच टूट गए। ट्रेन के अंदर सफ़र करने वाले लोगों को इस बात की भनक तक नहीं लगी कि ट्रेन में पथराव हुआ है। जब ट्रेन देर रात बुधवार को बिलासपुर पहुंची उसकी अगली सुबह कोचिंग डीपो पर इस बात का पता चला की ट्रेन के दो कोच की खिड़कियां क्षतिग्रस्त हैं।

चेन्नई से इतने लोग ट्रेन में सवार होकर पहुंचे बिलासपुर
चेन्नई से ट्रेन में एक लोको पायलट, एक सहायक लोको पायलट और ट्रेन मेनेजर के साथ इंजीनियर्स व तकनीशियनों की 14 सदस्यीय टीम बैठकर बिलासपुर आई है। यह सभी लोग इंजन के बाद के दो कोच में मौजूद थे. साथ ही शेष कोच को बंद रखा गया था।

पथराव में टूटे इन कोच के शीशे
ट्रेन की बंद शेष कोच में से कोच नंबर 11 और 12 की एक-एक खिड़की के शीशे पथराव की वजह से टूटे हुए हैं। इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं चला, बिलासपुर में देर रात 12:26 बजे पहुँचने के बाद ट्रेन के नागपुर एंड के इंजन को स्टार्ट करके रैक को सुबह 02:00 बजे कोचिंग डीपो ले जाया गया. तब घटना का पता चला।

जीएम और डीआरएम पहुंचे निरिक्षण पर
बिलासपुर जोन के महाप्रबंधक आलोक कुमार और डीआरएम प्रवीण पाण्डेय दोपहर में कोचिंग डीपो निरिक्षण करने पहुंचे। इस दौरान ट्रेन की धुलाई और सफाई पूरी तरह से कर ली गई थी। उनके साथ मेकैनिकल, इलेक्ट्रिकल, इंजीनियरिंग समेत अन्य जरुरी विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे. उन्होंने पूरी ट्रेन का अंदर और बाहर निरिक्षण किया।






































