TIRANDAJ.COM . अनुकंपा नियुक्ति को लेकर उत्तरप्रदेश सरकार ने नया नियम जारी कर दिया है। यूपी में सरकारी सहायता प्राप्त सेकेंडरी स्कूल के टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ के आश्रित बच्चे अब अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने के लिए एलिजिबल होंगे। इसका मतलब अब उत्तरप्रदेश में अगर स्कूल में काम करने वाले कर्मचारी की सर्विस के दौरान मौत हो जाती है तो उसके पोते-पोतियों में से किसी एक को नौकरी मिल जाएगी।

दरअसल इससे पहले मृतक कर्मचारी की विधवा पत्नी, बेटे, अविवाहित या विधवा बेटी को परिवार का सदस्य मानकर अनुकंपा नियुक्ति की जाती थी। सरकार ने नियम में बदलाव करते हुए नौकरी पाने के लिए मृतक कर्मचारी की एक और पीढ़ी को एलिजिबल कर दिया है। अब मृतक के पोते-पोतियों को भी नौकरी पाने के लिए एलिजिबल माना जाएगा।

ये है नई गॉइडलाइन
नई गाइडलाइन के अनुसार, यदि मृतक की पत्नी या पति , बेटा या गोद लिया बेटा, बेटियां, विधवा बहु, आश्रित अविवाहित भाई, अविवाहित बहन, या विधवा मां में से कोई भी नहीं है तो ऐसी स्थिति में आश्रित पोते या अविवाहित पोती को नौकरी दे दी जाएगी। साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि यदि आश्रित के पास कंप्यूटर क्वालिफिकेशन नहीं है, तो उसे नौकरी मिलने के ठीक एक साल के अंदर इस कोर्स को करना होगा।

नहीं होगी सुपरन्युमररी पोस्ट क्रिएट
पहले किसी पद के नहीं होने पर सुपरन्युमररी पोस्ट को क्रिएट कर दिया जाता था। इसके बाद वहां अनुकंपा नियक्ति कर दी जाती थी। लेकिन इन पदों पर अनुकंपा वाले उम्मीदवार को नियुक्ति नहीं दी जाती थी। लेकिन अब नियम में संशोधन के बाद आश्रित को नियक्ति उसी स्कूल में दी जाएगी, जहां मृतक काम करता था। यदि उस स्कूल में कोई पद खाली नहीं रहेगा तो आश्रित को जिला अथवा संभाग स्तरीय कार्यालय में नौकरी दी जाएगी। यदि संभाग स्तर पर भी कोई पद खाली नहीं रहेगा तो बाहर किसी अन्य जिले में नियुक्ति पर विचार किया जाएगा।





































