DURG. दुर्ग जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा करते हुए प्रशासन ने मेन हॉस्पिटल में कुछ फैसिलिटी में बढ़ोत्तरी करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत दुर्ग के जिला हॉस्पिटल में तीन सौ लोगों की क्षमता वाला सर्वसुविधा युक्त वेटिंग हॉल का निर्माण होगा।
दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा की अध्यक्षता में जिला हॉस्पिटल दुर्ग में समीक्षा बैठक हुई। बैठक में कलेक्टर ने हॉस्पिटल को अपग्रेड करने व शून्य रेफरल हॉस्पिटल बनाने की ओर मिशन मोड में काम करने के निर्देश दिए है। हेल्थ वर्कर्स और अन्य रिक्त पदों पर DMF से नियुक्ति करने की बात भी कही गई है। साथ ही जिला प्रशासन यहां जरूरी मशीनें और उपकरण भी उपलब्ध कराएगा। पेशेंट्स के साथ आने वाले परिजनों की सुविधा के लिए तीन सौ व्यक्तियों की क्षमता वाला वेटिंग जोन भी बनेगा। बैठक में CMHO जेपी.मेश्राम, जिला हॉस्पिटल के सिविल सर्जन वाईके.शर्मा व अन्य मौजूद रहे।
– बढ़ेगी सुविधाएं
कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर को और श्रेष्ठ बनाने के लिए MCH विंग में 10 बिस्तर प्राइवेट वार्ड और MCH विंग में ही तीन सौ व्यक्तियों के रुकने की क्षमता वाले वेटिंग हॉल के निर्माण करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा कि यहां परिजनों के लिए सोने और प्रसाधन की समुचित व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही विभिन्न वार्ड्स में सेंट्रल ऑक्सीजन पाइप लाइन सिस्टम का काम भी किया जाए।
– रेफरल रेट करना है कम
कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने कहा कि दुर्ग हॉस्पिटल को जीरो रेफरल सेंटर बनाना है। रेफरल रेट कम करने DMF फंड से जरूरी उपकरणों, मशीनों व कर्मचारियों की पूर्ति करने का आश्वासन दिया। शीघ्र ही ICU वार्ड में ABG मशीन व ट्रांसपोर्ट वेंटिलेटर, रेडियोलॉजी विभाग में सोनोग्राफी मशीन का इंस्टीट्यूशनल मॉडल उपलब्ध करवाने की बात भी कही। साथ ही विभागों में स्वास्थ्य एवं अन्य कर्मियों की पूर्ति भी DMF फंड से की जाएगी। इसके तहत 16 स्टाफ नर्स, 10 मेडिकल ऑफिसर, एक ईएनटी स्पेशलिस्ट, आठ ओटी टेक्निशियन, छह ड्रेसर सहित कुल 77 स्वास्थ्य कर्मियों व 21 अन्य कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी।
– बढ़ेगी सुरक्षा व्यवस्था
जिला हॉस्पिटल में मेडिकल फैसिलिटी को दुरुस्त करने की दिशा में कलेक्टर ने 1+4 नगर सैनिकों की चौबीस घंटे उपलब्धता व 20 नए सुरक्षा गार्ड की DMF से नियुक्ति के निर्देश दिए। इसके अलावा सुरक्षाकर्मियों की ट्रेनिंग व मॉक ड्रिल कराने के भी निर्देश दिए, जिससे उन्हें संभावित मुश्किल परिस्थितियों को सुलझाने में आसानी हो।