RAIPUR.छत्तीसगढ़ विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पास होने के बाद भी अटक गया है। इन दिनों में इस विधेयक पर दिल्ली में मंथन चल रही है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए खुद राज्यपाल अनुसुईया उइके देश की राजधानी पहुंची। इस बीच, राज्यपाल कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। वहीं, इस मामले में आज वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलेंगी और शाम 6.30 बजे उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात का कार्यक्रम तय है। दूसरी ओर, समय मिलने पर पीएम नरेंद्र मोदी से भी उइके मिल सकती हैं।
दरअसल, राज्यपाल छत्तीसगढ़ के विधानसभा में पारित आरक्षण विधेयक पर गृह मंत्री शाह से मुलाकात चर्चा कीं। इस दौरान उन्होंने बताया कि राज्य में आरक्षण की स्थिति अभी शून्य है। हाईकोर्ट ने 58 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था को रद्द कर दिया है। उसके बाद राज्य ने विधानसभा में 76 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक पास कर दिया है। इस दौरान उन्होंने पिछले 3 महीने में राजभवन के क्रियाकलापों की जानकारी भी दी।
बता दें कि 2 दिसंबर को विधानसभा में सर्व सम्मति से संशोधित आरक्षण विधेयक पास किया गया था। जिसमें अनुसूचित जनजाति को 32, अनुसूचित जाति को 13, पिछड़ा वर्ग को 27 और ईडब्ल्यूएस को 4 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था की गई हैं। इसी दिन सरकार के पांच मंत्री देर रात राज्यपाल को विधेयक देने पहुंचे थे। राज्यपाल ने हस्ताक्षर करने से पहले विधि विशेषज्ञों की राय ली। विशेषज्ञों के कहने पर राजभवन ने राज्य सरकार से 10 सवालों के जवाब मांगे हैं। राज्यपाल ने भी स्पष्ट कर दिया है कि जवाब आने के बाद ही वे हस्ताक्षर करेंगी।
सीएम ने विपक्ष पर साधा निशाना, बोले-बीजेपी रिजर्वेशन विरोधी
इस पूरे मामले के बीच सीएम भूपेश बघेल ने विपक्ष पर निशाना साधा है। बिल्हा में गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम में सीएम ने बीजेपी को आरक्षण विरोधी बताते हुए कहा कि अनुसूचित जाति के भाइयों को यह समझना होगा कि भाजपा आरक्षण को लेकर खेल खेल रही है। वे खुद नहीं चाहते कि अनुसूचित जाति के लोगों को आरक्षण का लाभ मिले। यदि ऐसा है तो बताएं कि 2021 में होने वाली जनगणना अब तक क्यों नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अनुसूचित जाति के लोगों को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने तैयार हैं।