RAIPUR. छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर सियासत जारी है। दरअसल, विधानसभा में पास होने के बाद आरक्षण विधेयक राज्यपाल के पास है। गवर्नर अनुसुईया उइके पहले कह चुकी हैं कि परीक्षण के बाद ही बिल पर हस्ताक्षर करूंगी। इस बीच, इस मामले में बीजेपी-कांग्रेस में जुबानी जंग चल रही है। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कांग्रेस तीखा हमला किया है, तो वहीं कांग्रेस ने भी पलटवार किया है।

पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने रायपुर में आरक्षण पर मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि ये विषय आम जनता से जुड़ा विषय है। कांग्रेस पार्टी ने बिना अध्ययन के आरक्षण लागू करने का प्रयास किया है। विधानसभा में हमारी सभी आपत्तियों को दरकिनार कर दिया गयाा। सिर्फ और सिर्फ भानुप्रतापपुर उप चुनाव की वजह से जानबूझकर ऐसा कदम उठाया गया। आज छत्तीसगढ़ का एसटी, एससी, ओबीसी हर वर्ग का युवा छला हुआ महसूस कर रहा है।

पूर्व मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती की यहां के लोगों को नौकरी मिले, ये भी नहीं चाहती कि यहां के लोग पढ़ें लिखें। नौकरियां न देनी पड़ें, प्रवेश न मिले, बस यहां के लोग गोबर बेचें और गोबर एकत्र करें इसी औकात के लोग छत्तीसगढ़ के रहें ये कांग्रेस चाहती है। चंद्राकर ने कहा कांग्रेसियों के हाथ गांधी परिवार के सामने फेवीकोल से जुड़े हैं और क्या हाथ जोड़ेंगे। जनता के सामने हाथ जोड़ना है तो ये बताएं कि पूरी तरह से शराबबंदी कब होगी, बुजर्गों को पेंशन देना था, बेरोजगारों भत्ता उसका क्या हुआ। फिर जनता के पास जाएं, उपचुनाव तो हर जगह सरकार के अनुकूल चलता है ये कोई पैरामीटर नहीं है।

चंद्राकर के बयान पर कांग्रेस बोली-बीजेपी के नेताओं में फ्रस्टेशन, इसलिए ऐसा बोल रहे हैं
अजय चंद्राकर के बयानों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अजय चंद्राकर के अंदर ज्ञान का ओवर फ्लो हो रहा है। वो भाजपा के बड़बोले नेता हैं। बीजेपी के नेताओं में फ्रस्टेशन है, इसलिए इस प्रकार का बयान दे रहे हैं । यहां इनके पास कुछ करने को है नहीं, यहां शून्य की स्थिति में हैं। इसलिए इस तरह के बयान देते हैं। उन्होंने कहा कि अजय चंद्राकर का बयान बेहद स्तरहीन है, सरकार की मंशा स्पष्ट है। इसलिए आबादी के आधार पर आरक्षण का प्रावधान सभी वर्गों के लिए किया जा रहा है। भाजपा नहीं चाहती है कि आरक्षण लागू हो, यदि अजय चंद्राकर में साहस है तो राज्यपाल से कहिए हस्ताक्षर करें।
मैंने सिर्फ आदिवासियों का आरक्षण बढ़ाने को कहा थाः राज्यपाल
गौरतलब है कि राज्यपाल ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि मैंने केवल आदिवासी वर्ग का आरक्षण बढ़ाने के लिए सरकार को विशेष सत्र बुलाने का सुझाव दिया था। उन्होंने सबका बढ़ा दिया। अब जब कोर्ट ने 58 फीसदी आरक्षण को अवैधानिक कह दिया है तो 76 फीसदी आरक्षण का बचाव कैसे करेगी सरकार।







































