JAGDALPUR. असिस्टेंट ऑडिटर साहब ने कुछ दिन पहले दफ्तर में आमद दी तो मातहत कर्मचारियों ने पलक पावड़े बिछाकर उनका स्वागत किया है। बकायदा फूलाें का गुलदस्ता भेंट किया और चाय-पानी का प्रबंध किया। अब उन्हीं कर्मचारियों ने साहब को जेल भेजने का प्रबंध भी कर दिया है। ये रोचक मामला सामने आया है जगदलपुर के संभागीय कार्यालय सहायक संपरीक्षक में।
दरअसल, पूरा मामला फर्जीवाड़े का है। संभागीय कार्यालय सहायक संपरीक्षक की ओर से आडिट का काम किया जाता है। यानी जिले के नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों समेत इससे संबंधित विभागों को विभिन्न योजनाओं और निर्माण कार्य के लिए मिले फंड से किए खर्च का हिसाब-किताब करने की जिम्मेदारी इस कार्यालय की है। उनकी जांच से ही गबन और आर्थिक अनियमितता जैसे मामले सामने आते हैं और उनकी भेजी रिपोर्ट के आधार पर हीउच्च कार्यालयों की ओर से कार्रवाई की जाती है।

बीते कुछ समय से यहां के मुख्य अधिकारी यानी सहायक संपरीक्षक यानी असिस्टेंट ऑडिटर का पद रिक्त है। ऐसे में जब एक युवक ने यहां खुद को सहायक संपरीक्षक बताकर अपनी ज्वाइनिंग दी तो कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया। कुछ दिनों तक युवक ने दफ्तर आकर कामकाज भी संभाला। बाद में उसके कामकाज के तरीके से कर्मचारियों को शक हुआ। तब उन्होंने रायपुर कार्यालय से जानकारी जुटाई। उन्हें बताया गया कि अभी तो किसी की नियुक्ति इस पद पर नहीं की गई है। इसके बाद कर्मचारियों ने इसकी शिकायत पुलिस से की।
पुलिस ने युवक को पकड़कर पूछताछ की तो पता चला कि वह दल्ली राजहरा का रहने वाला बादल गुप्ता है। फिलहाल पुलिस शिकायत के आधार पर मामले की जांच कर रही है।
फर्जीवाड़े का पता लगाने वाला कार्यालय ही हुआ फ्राड का शिकार
पूरे मामले की जांच अभी जारी है, लेकिन ये तो तय हो चुका है कि बादल गुप्ता नाम के व्यक्ति ने फर्जी तरीके से ही असिस्टेंट ऑडिटर के पोस्ट पर ज्वाइनिंग दी थी। वहीं अब इस मामले को लेकर कहा जा रहा है कि जिस ऑफिस की जिम्मेदारी जांच करके फर्जीवाड़े का पता करना है वही दफ्तर फ्राड का शिकार हो गया। उसके कर्मचारी इतने दिनों तक जिस आदमी को अपना साहब मान रहे थे वही फर्जी निकल गया।






































