TIRANDAJ DESK. आज देशभर में करवाचौथ 2022 का व्रत महिलाएं रख रही हैं। पति की लंबी उम्र की कामना से पूरे दिन भूखे-प्यासे रहखर वे इस परंपरा को निभाएंगी। इसकी तैयारी भी कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं। रात में सोलह श्रृंगार करके वे चंद्रमा का इंतजार करती हैं। उसे अर्घ्य देकर पूजा करती है और व्रत तोड़ती है। इस दिन सोलह श्रृंगार का बहुत महत्व होता है।
मगर, क्या आप जानते हैं कि यह सोलह श्रृंगार क्या होता है और इसमें इस्तेमाल होने वाली चीजों का क्या महत्व होता है। श्रृंगार 16 ही क्यों किए जाते हैं, 14 या 18 क्यों नहीं। अगर आप नहीं जानते हैं, तो हम आपको बता रहे हैं इसके बारे में…
चंद्रमा के सोलह कलाओं से जुड़ा है श्रृंगार
सिर से पांव तक सोलह श्रृंगार किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह न केवल महिलाओं को सुंदर बनाता है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करता है। यह चंद्रमा की सोलह कलाओं से से जुड़ा माना जाता है। मेकअप की चीजों में है ये चीजें…
सिंदूर: सिंदूर को सुहाग की निशानी माना जाता है। महिलाएं इसे बालों के बीच में भरती हैं और इसे पार्वती की ऊर्जा का प्रतीक भी माना जाता है। आयुर्वेद में ऐसा माना जाता है कि सिंदूर सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाता है। यह तनाव को भी कम करता है।
बिंदी: बिंदी माथे पर लगाई जाती है, जहां पिट्यूटरी ग्रंथि स्थित होती है। ऐसा माना जाता है कि यह कई हार्मोन को नियंत्रित करता है। इसीलिए पहले माथे पर कुमकुम, हल्दी, चंदन और सिंदूर की बिंदी लगाते थे। यह हार्मोन्स को नियंत्रित करता है और महिलाओं की सुंदरता को भी बढ़ाता है।
काजल: काजल आंखों को बड़ा और आकर्षक बनाती है। ऐसा माना जाता है कि यह बुरी नजर से भी बचाता है, हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। काजल का काला रंग आंखों तक तेज रोशनी पहुंचने से पहले उन्हें सोख लेता है, जिससे आंखें सुरक्षित रहती हैं।
बालियां: कान छिदवाने का वैज्ञानिक आधार भी है। ऐसा माना जाता है कि कान की लोब में मेरिडियन प्वाइंट होता है, जो मस्तिष्क से जुड़ा होता है। यहां छेद होने से कई तरह की समस्याओं से राहत मिलती है। कहा जाता है कि कान छिदवाने से पूर्व जन्म की यादें खत्म हो जाती हैं। इनमें बालियां पहनने से सुंदरता निखर आती है।
नथ : नाक छिदवाने से महिलाओं को मासिक धर्म के दर्द में आराम मिलता है और प्रसव के दौरान ज्यादा दर्द नहीं होता है। यह बात सुश्रुत संहिता में लिखी हुई है। इसलिए महिलाओं की नाक छिदवाई जाती हैं और वे उसमें नथ पहनती हैं।
चूड़ियां: चूड़ियां भी सुहाग की निशानी होती हैं और ऐसा माना जाता है कि ये रक्त संचार को सही रखती हैं।
मेहंदी: माना जाता है कि मेहंदी शरीर को ठंडा रखता है, जिससे तनाव कम होता है। मेहंदी महिलाओं के मेकअप का अहम हिस्सा होती है।
मंगलसूत्र: ऐसा माना जाता है कि मंगलसूत्र महिलाओं के शरीर में सूर्य नाड़ी को सक्रिय करता है, जिससे ऊर्जा का संचार होता है। यह महिलाओं के सुहाग की निशानी भी है।
अंगूठी: विभिन्न धातुएं शरीर के लिए फायदेमंद होती हैं। सोने की अंगूठी शरीर के तापमान को नियंत्रित करती है और प्रतिरक्षा के लिए अच्छी मानी जाती है। इसके साथ ही महिलाएं चांदी और तांबे की अंगूठी भी पहनती हैं। इसके अलावा कमरबंद, मांग टीका, लाल जोड़ा, बिछिया, पायल, गजरा और इत्र भी सोलह श्रृंगार का हिस्सा हैं।



































