TIRANDAJ NEWS. फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल में रेफरी रह चुके ट्यूनीशिया के अली बिन नासिर कुछ ऐसा करने जा रहे है जिससे कि वह मालामाल बन जाएंगे। 1986 के फीफा वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ डियागो माराडोना ने निर्णायक गोल किया था। जिस ‘हैंड ऑफ गॉड’ गोल का नाम दिया गया था। और जिस गेंद से यह मशहूर गोल हुआ था, उसे रेफरी ने नीलामी के लिए रखा है।
पूर्व रेफरी अली बिन नासिर इस 36 साल पुरानी गेंद के मालिक हैं। वो अब इसकी नीलामी करने जा रहे है। नीलामीकर्ता ग्राहम बड ऑक्शन ने गुरुवार को कहा कि ऐसे उम्मीद की जा रही है कि इस ऐतिहासिक गेंद का 27 लाख डॉलर से लेकर 33 लाख डॉलर तक नीलामी में मिल सकता हैं।
जानकारी के अनुसार कतर में होने वाले वर्ल्ड कप से चार दिन पहले 16 नवंबर को इस गेंद की नीलामी ब्रिटेन में की जाएगी। पहले भी इस मैच से जुड़े माराडोना के अन्य सामान की नीलामी से मोटी कमाई हुई थी। फाइनल में माराडोना ने जो शर्ट पहनी थी, मई में उसकी नीलामी की गई थी। जो 93 लाख डॉलर में बिकी थी।
फाइनल मैच में माराडोना हेडर से गोल करने के लिए उछले, लेकिन गेंद सिर के बजाय हाथ से लगकर गोल में चली गई। जिसे रेफरी बिन नासिर ने उसे गोल दे दिया। विरोदी टीम इंग्लैंड ने उसका विरोध भी किया, लेकिन रेफरी ने अपना फैसले नहीं बदला। वहीं माराडोना ने इस गोल को ‘हैंड ऑफ गॉड’ नाम दिया था, जिसका मतलब है ईश्वर का हाथ। इस मैच को अर्जेंटीना ने 2-1 से जीता साथ ही वर्ल्ड कप भी जीत लिया था। बता दे यह गेंद तब से रेफरी बिन नासिर के पास सुरक्षित रखी है। इस टूर्नामेंट ने माराडोना को विश्व के महानतम खिलाड़ियों बना दिया था।