RAIPUR. राजधानी के मेडिकल कालेज यानी मेकाहारा के हॉस्टलों में चूहों का आतंक काफी बढ़ गया है। कभी छात्र- छात्राओं को काट रहे हैं तो कभी कपड़ों और दूसरे सामान को कुतरकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। मंगलवार की रात तो इन चूहों ने हद कर दी। गर्ल्स हॉस्टल के अलग- अलग कमरों में रहने वाली कुल 17 छात्राओं को काट लिया। इससे दहशत में आई छात्राओं ने प्रबंधन से इसकी शिकायत की। आनन-फानन में सभी को पीजी हॉस्टल में शिफ्ट किया गया।
मेकाहारा में चूहों का आतंक लंबे समय से बना हुआ है। इससे पहले मरीजों और उनके परिजनों को काटने की शिकायत भी समय-समय पर आती रही है। इसके कई गंभीर परिणाम भी सामने आ चुके हैं। अब उनका दायरा भी कैंपस में बढ़ता जा रहा है। अब यहां के अलग-अलग हॉस्टलाें के कमरों में भी चूहे पहुंच गए हैं। चूहे लोगों को काटने के साथ ही सामान और कपड़ोें को कुतरकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। हद तब हो गई जब मंगलवार की देर रात मेडिकल की यूजी छात्राओं के हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं को काट लिया। अलग- अलग कमरों में एक ही रात में कुल 17 लोगों को शिकार बनाया।
इससे पूरे हॉस्टल की छात्राएं दहशत में आ गईं। फिर इसकी शिकायत तत्काल वार्डन से की गई। सभी का प्राथमिक उपचार अस्पताल में ले जाकर किया गया। वहीं छात्राएं दोबारा हॉस्टल में जाने से इनकार करने लगीं। ऐसे में प्रबंधन ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सभी को पीजी गर्ल्स हॉस्टल में शिफ्ट किया।
सफाई में लापरवाही और कबाड़ है असली वजह
जहां तक चूहों की आमदगी और उनके फैलाव के कारण की बात करें तो सबसे प्रमुख लापरवाही है। जगह- जगह कबाड़ होने से चूहों को छिपने की जगह मिल जाती है। वहीं सफाई नहीं होने और खाने के सामान को जहां के तहां फेंक देने से चूहों को भोजन की भी कमी नहीं रहती। इसी के चलते चूहे यहां की बड़ी समस्या बन गए हैं।
मच्छरदानी में रखते हैं कॉपी-किताब
चूहों को लेकर मेकाहारा के हॉस्टलाें में दहशत काफी बढ़ गया है। आलम ये है कि छात्र-छात्राएं अपनी कॉपी-किताबों को उनसे बचाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं। इसके तहत वे उन्हें मच्छरदानी के अंदर रखने लगे हैं। वहीं कपड़ों को बचाने के लिए भी अलग-अलग उपाय करते हैं। लेकिन, अब तो वे मेडिकल स्टूडेंट्स के हाथ-पैर भी काटने लग गए हैं।