तीरंदाज, डेस्क। झारखंड के देवघर से 22 किमी दूर त्रिकुट में हुए रोपवे हादसे के बाद सेना के जांबाजो ने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है। मंगलवार दोपहर तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 46 लोगों को बचा लिया गया। वहीं दो लोगों की ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई। आज सुबह से शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन पूरे 7 घंटे चला। मंगलवार को सेना ने 25 फीट की ऊंचाई से 16 लोगों को सुरक्षित निकाला।
बता दें रविवार 10 अप्रैल को त्रिकुट में रोपवे हादसा हुआ। हादसा उस सयम हुआ जब रोपवे पर श्रद्धालुओं को लेकर ट्रालिया रवाना हुई थी। इस दौरान केबल टूटने से एक ट्रॉली नीचे जा गिरी। वहीं रोप-वे की ट्रॉलियां दो पहाड़ों के बीच फंस गई थीं। जहां पर ये ट्रॉलियां फंसीं वहां पर चारों तरफ पहाड़ियां और नीचे खाई है। इसके बाद सेना ने यहां सोमवार से यहां रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।
सोमवार तड़के सेना, वायु सेना, ITBP और NDRF की टीमों ने 12 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और इसमें 30 लोगों को तीन हेलिकॉप्टर और रस्सी के सहारे बचाया गया था। रेस्क्यू के दौरान सेफ्टी बेल्ट टूट जाने के कारण एक व्यक्ति की हेलिकॉप्टर से नीचे गिरकर मौत हो गई थी। वहीं एक अन्य महिला की भी मौत रेस्क्यू के दौरान हुई। ट्रॉलियों में फंसे कुल 48 में से 46 लोगों को सेना ने बचा लिया है।
झारखंड हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
रोपवे हादसे पर झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने देवघर में रोपवे हादसे पर राज्य सरकार से पूरे मामले की जांच रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने सरकार को 25 अप्रैल तक का समय दिया है। कोर्ट ने सरकार को लताड़ भी लगाई है। कोर्ट ने 2009 के एक हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि तब भी ऐसी घटना हुई थी लेकिन सरकार ने संज्ञान नहीं लिया। हाईकोर्ट ने इस मामले की उच्चस्तीय जांच करने भी कहा है।