नई दिल्ली। जहांगीरपुरी की वर्तमान हिंसा के तार दो साल पहले हुए दंगों से भी जुड़े हैं। छापेमारी में दहशतगर्दों के ऐसे ही अनेक खुलासे हो रहे हैं। कुशल चौक, सी-ब्लाक में शोभा यात्रा पर पथराव के बाद हिंसा हुई थी उसी के करीब पहले सात बसों में भरकर बांग्लादेशी महिलाएं, बच्चों व पुरुषों को शाहीन बाग प्रदर्शन में शामिल होने के लिए ले जाया गया था। दंगा करने के लिए लोग कुशल चौक से गए थे।
छापेमारी में दिल्ली पुलिस की जांच से ये बात सामने आई है कि असलम को फायरिंग करने के लिए बदमाश गुल्ली ने भड़काया था। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल की है उसमें लिखा हुआ है कि सीएए व एनआरसी के दौरान सी-ब्लाक, कुशल चौक से छह से सात बसों में भरकर अवैध बांग्लादेशी महिलाएं, बच्चों और पुरुषों को शाहीनबाग प्रदर्शन में शामिल करने के लिए ले जाया गया था।
इसके लिए करीब 300 लोगों को ले जाया गया था। इतना ही नहीं चार्जशीट में ये भी लिखा है कि पथराव और दंगा करने यहां से लोग गए थे। दिल्ली पुलिस अब इन तमाम चीजों को ध्यान में रखते हुए जहांगीर पुलिस हिंसा की जांच की जा रही थी।
दूसरी तरफ जहांगीरपुरी हिंसा की जांच भले ही अपराध शाखा को सौंप दी गई हो, मगर स्थानीय थाना पुलिस भी लगातार दबिश दे रही है। दंगों में दो बड़े बदमाश अंसार और असलम के अलावा अब तक 21 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
दो नाबालिग को भी पकड़ा गया है। जांच में ये बात सामने आई है कि असलम को फायरिंग करने के लिए इलाके के एक बदमाश गुल्ली ने भड़काया था। अपराध शाखा व स्थानीय थाना पुलिस गुल्ली को पकडने के लिए धरपकड़ कर रही है।
पुलिस के अनुसार अली पुत्र जसीमुद्दीन का पार्किंग को लेकर झगड़ा हुआ था। वह इलाके में ही पार्किंग चलाता है और इसी झगड़े में उसने आकाश उर्फ अक्कू और उसके दोस्तों पर पत्थर फेंके थे। जवाब में दूसरे पक्ष ने भी पत्थर फेंके थे।
(TNS)