भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी में एक मामला सामने आया है। इसमें जिस पर भ्रष्टाचार रोकने की जिम्मेदारी है वही रिश्वत लेकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते पकड़ा गया है। एक व्यापारी की जीएसटी में करोड़ों की रिकवरी थी, पर मामला कुछ लाख में रफादफा कर देने के एवज में रिश्वत की मांग की थी, पर सीबीआई को इसकी भनक लग गई थी और अधिकारी रिश्वत लेते पकड़ा गया।
मध्य प्रदेश के भोपाल में सेंट्रल एक्साइज के सुपरिंटेंडेंट को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जीएसटी एवं सेंट्रल एक्साइज का सुपरिंटेंडेंट अंकुर खंडेलवाल को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। आरोपी अंकुर खंडेलवाल ने अपने साथी सुपरिंटेंडेंट नितिन सक्सेना के साथ मिलकर व्यापारी पीयूष से लाखों रुपए की रिश्वत मांगी थी।
सेंट्रल एक्साइज से मिली जानकारी के अनुसार जीएसटी ने जांच के बाद सर्वे में व्यापारी पीयूष पर लगभग एक करोड़ रुपए की रिकवरी निकाली थी। इधर रिश्वत लेने वाले आरोपी अधिकारियों ने बड़ी राशि की रिकवरी को रफादफा करने की सोची। उसके बाद सेटलमेंट के लिए 10 लाख रुपए की रिश्वत की डिमांड रख दी।
विभाग के अंकुर खंडेलवाल और नितिन सक्सेना ने मामले को सेट करने के लिए अंत में 6 लाख रुपए तय कर मामला सेटल कराने की बात हुई। इधर व्यापारी पीयूष ने इस मामले की शिकायत सीबीआई से कर दी। उसके बाद सीबीआई ने अधिकारी को पकड़ने पूरा प्लान तैयार किया और व्य़ापारी का इशारा पाते ही सीबीआई ने छापा मारा।
शिकायत के बाद योजना के अनुसार अरेरा हिल्स स्थित जीएसटी के ऑफिस में व्यापारी रिश्वत की पहली किस्त 2 लाख रुपए लेकर पहुंचा था। इस दौरान जैसे ही रुपए अंकुर खंडेलवाल को दिए, वैसे ही भोपाल सीबीआई ने उसे रंगेहाथ दबोच लिया। इस दौरान इसमें शामिल दूसरा आरोपी नितिन सक्सेना मौके पर नहीं मिला। आगे सीबीआई की टीम अंकुर खंडेलवाल, नितिन सक्सेना के 4 संभावित स्थानों पर दबिश देकर सर्चिंग की कार्रवाई कर रही है।
(TNS)