दुर्ग। जिले में सबा अंजुम की तरह कई प्रतिभाएं हैं जिन्हें निखारने की जरूरत है। इसके लिए एस्ट्रोटर्फ मैदान की बड़ी आवश्यता है। यहां के बच्चों को खेल में आगे बढ़ाने के लिए यहां एस्ट्रोटर्फ मैदान बनाया जाएगा। इससे खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए सुविधा मिलेगी।
उक्त बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गंजमंडी दुर्ग में शुक्रवार को हुई सभा के दौरान कही। वहीं उन्होंने घोषणा की कि यहां हॉकी के खिलाड़ियों के लिए एस्ट्रोटर्फ मैदान बनाया जाएगा। कहा इससे यहां के हॉकी खिलाड़ियों को भी एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का ग्राउंड मिलेगा।
इस मौके पर सीएम बघेल ने कहा कि सरकार पूरे प्रदेश में विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। वहीं दुर्ग निगम के विभिन्न कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी।
दुर्ग जिला दौरे के दौरान जनता की स्वास्थ्य रक्षा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए सीएम बघेल ने जिला चिकित्सालय में सर्जिकल यूनिट और हमर लैब का लोकार्पण किए। बता दें कि जिला अस्पताल को अपग्रेड किया गया है। यहां आने वाले मरीजों को बेहतरीन सुविधाएं दी जा रही है। जो महंगे टेस्ट निजी पैथालाजी लैब में हो पाते थे अब हमर लैब से वो सुविधाएं यहां मिल सकेंगे।
कार्यक्रम में सीएम बघेल ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के मानदेय में काफी बढ़ोतरी की गई है। नागरिक सुविधाओं के विस्तार के लिए हर संभव काम हम कर रहे हैं। इस मौके पर गृह और पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नागरिक सुविधाओं के लिए उपयोगी सभी सड़कों की स्वीकृति दी, जिसके वजह से पूरे प्रदेश में सड़क अधोसंरचना संबंधी कार्य बड़े पैमाने पर हो रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भी अपनी बात रखी।
मौके पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री के प्रवास के दौरान जिले में 223 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन हुआ है। इस दौरान महापौर धीरज बाकलीवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। संभागायुक्त महादेव कांवड़े, एसएसपी बद्रीनारायण मीणा सहित अन्य अधिकारी भी इस मौके पर उपस्थित रहे।
पौधे सौंपकर धरती बचाने का दिया संदेश
इस मौके पर पृथ्वी दिवस के अवसर पर बहिनियों ने मुख्यमंत्री को पौधा देकर धरती बचाने का संदेश दिया। इस दौरान सीएम ने जल जीवन मिशन के तहत जल बहिनियों को बैच प्रदाय किया। वहीं बहिनियों ने फील्ड टेस्ट किट से पानी का परीक्षण कर दिखाया गया। बता दें कि जिले में लगभग 2000 महिलाओं को जल बहिनी का दर्जा दिया गया है। उनके द्वारा जल संवर्धन एवं संरक्षण का कार्य, पानी परीक्षण, ग्रे वाटर मैनेजमेंट का कार्य किया जा रहा है।
इन कार्यों का हुआ भूमिपूजन
10 करोड़ रुपए की लागत के 70 निर्माण कार्य एवं 18 सड़क संधारण डामरीकरण कार्य, 21 करोड़ रुपए के लागत की नल जल योजना की 20 कार्य, 20 बिस्तर आइसोलेशन वार्ड 74 लाख रुपए तथा 70 लाख की लागत का हेल्थ ट्रांजिट हास्टल, पोटियाकला और धमधा नाका में 75 लाख रुपए की लागत से स्वास्थ्य केंद्र तथा 60 लाख रुपए की लागत से मैथिलीशरण गुप्त वाचनालय का जीर्णाेद्धार एवं उन्नयन शामिल है।
(TNS)