पेरिस। भारत के कर्नाटक राज्य से शुरू हिजाब विवाद फ्रांस तक पहुंच गया है। यहां तक यह चुनावी मुद्दा बन गया है। राष्ट्रपति इम्मैनुएल मैकों को चुनाव में चुनौती दे रहीं दक्षिणपंथी नेता पेन ने वादा किया कि यदि वह राष्ट्रपति चुनकर आती हैं तो सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने वालों को जुर्माना देना पड़ेगा।
कहा जाए भारत से उठा हिजाब विवाद अब फ्रांस में भी छा गया है। रविवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बन गया है। राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी मरीन ली पेन ने वादा किया है कि यदि वह सत्ता में आई तो हिजाब पहनने वाले मुस्लिमों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
राष्ट्रपति इम्मैनुएल मैकों को चुनाव में चुनौती दे रहीं दक्षिणपंथी नेता पेन ने वादा किया कि यदि वह राष्ट्रपति चुनकर आती हैं तो सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने वालों को जुर्माना देना पड़ेगा। पेन आक्रामक चुनाव प्रचार कर रही हैं। फ्रांस के मीडिया की मानें तो अब वह राष्ट्रपति मैक्रों को बड़ी चुनौती पेश कर रही हैं।
चुनावी प्रचार के दौरान फ्रांस के रेडियो आरटीएल से चर्चा में पेन ने कहा कि जिस प्रकार से कारों में सीटबेल्ट नहीं पहनने पर जुर्माना लगता है, उसी तरह खुली जगहों पर हिजाब पहनने पर रोक रहेगी। यदि इस इस नियम का उल्लंघन किया तो जुर्माना वसूला जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमान महिलाएं फ्रांस में सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब न पहनें। 53 साल की ली पेन पिछले चुनावों में अप्रवासियों के खिलाफ बयान देती थीं, लेकिन इस बार वह घरेलू मुद्दों पर अधिक जोर दे रही हैं।
यह कहने पर इस प्रस्तावित नियम को भेदभावपूर्ण और धार्मिक आजादी का उल्लंघन बताकर अदालत में चुनौती दी जा सकती है? पेन ने जवाब में कहा कि इससे बचने के लिए वह जनमत संग्रह कराएंगी। फ्रांस में पहले से ही स्कूलों में धार्मिक प्रतीकों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है। सार्वजनिक स्थानों पर भी पूरा चेहरा ढंकने की मनाही है।
अगले चरण के मतदान पर पड़ सकता है असर
सर्वेक्षण के अनुसार फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव के तहत रविवार को होने वाले मतदान में ली पेन के इस वादे का ज्यादा असर नजर नहीं आएगा। 24 अप्रैल को होने वाले दूसरे चरण के मतदान में अवश्य असर हो सकता है। रविवार को तो मैक्रों 54 फीसदी वोटों के साथ पेन पर बढ़त कायम रखेंगे।
(TNS)