तीरंदाज, इंदौर। हनुमान जन्मोत्सव हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस बार हनुमान जन्मोत्सव 16 अप्रैल को पूरे देश में मनाया जा रहा है।। शनिवार होने के कारण इस जन्मोत्सव का महत्व और भी ज्यादा है।
इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि हनुमान जी के जन्म को लेकर हनुमान जन्मोत्सव साल में दो बार मनाया जाता है। रामायण के अनुसार उनका जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था। वहीं, मान्यता है कि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसलिए चैत्र मास को हनुमान जन्मोत्सव और कार्तिक मास को विजय अभिनंदन उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त
आचार्य गिरीश व्यास ने बताया कि हनुमान जयंती पर पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 16 अप्रैल देर रात 02.25 बजे से हो रहा है। पूर्णिमा तिथि 17 अप्रैल सुबह 12.24 बजे तक रहेगी। वहीं, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:1 मिनट से 12:51 बजे तक है। इस बार हनुमान जयंती पर रवि योग के साथ हर्षल योग भी बन रहा है। वहीं नक्षत्रों में हस्त और फिर चित्रा योग बन रहा है।
‘बजरंग बाण’ के पाठ से मिलेगा लाभ
बजरंग बाण का प्रभाव बहुत तेज माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सभी उपाय विफल होने पर बजरंग बाण का जाप करना चाहिए। जब विपदा बहुत प्रबल हो जाएए तो इस पाठ को करने से बहुत जल्दी शुभ फल मिलते हैं।
बजरंग बाण से ये लाभ होते हैं।
– यदि आप शत्रुओं से घिरे हैं और शत्रु लगातार परेशानी और बाधा उत्पन्न कर रहे हैं, तो इस मंत्र का जाप तुरंत लाभ देता है।
– जो लोग असाध्य रोगों से ग्रसित हैं या जिन्हें दवा असर नहीं कर रही है, तो बजरंग बाण करना स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है।
– आर्थिक समस्याओं से घिरे हैं, लेन-देन के मामले में आप पूरी तरह से फंस गए हैं, तो उनके लिए यह पाठ करना बहुत अच्छा होता है।
– छात्रों को शिक्षा में लाभ के लिए या नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को इसका पाठ करने से जल्द और अच्छे परिणाम मिलते हैं।
– जिन लोगों का वैवाहिक जीवन ठीक नहीं चल रहा है या फिर अविवाहित लोगों की लाख कोशिशों के बाद भी कहीं बात पक्की नहीं हो रही है। ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए बजरंगबाण का पाठ बहुत ही लाभकारी होता है।
बजरंग बाण ऐसे करें
बजरंग बाण का पाठ किसी भी पुस्तक से किया जा सकता है, लेकिन लाल रंग में लिखी गई किताब से यह पाठ करना ज्यादा शुभ माना जाता है। बजरंगबाण का पाठ सुबह या शाम किसी भी समय किया जा सकता है। हालांकि, इसकी शुरुआत मंगलवार या शनिवार से करनी चाहिए। मगर, यदि किसी समस्या से घिरे हैं और समय नहीं है, तो किसी भी दिन से इसका पाठ शुरू कर सकते हैं। इसके साथ ही जिस भी समय आप पाठ कर रहे हैं, उसी समय पर चालीस दिनों तक पाठ करें, तो जल्द लाभ मिलता है।