तीरंदाज, डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छात्रों से शुक्रवार को परीक्षा पर चर्चा की। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम उन्होंने करीब 1 हजार छात्रों से सीधी बात की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दौरान छात्रों को परीक्षा की टेंशन दूर करने के मूलमंत्र दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि परीक्षा को टेंशन नहीं त्योहार बनाएं। तब इसमें रंग भर जाएंगे।
परीक्षा पे चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने बच्चों की शंकाओं का समाधान किया। इस दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है। यह छोटे-छोटे पड़ाव हैं। इनसें डरना नहीं चाहिए। आप पहले भी परीक्षा दे चुके हैं। ऐसे अनुभवों को अपनी ताकत बनाएं। जो करते आए हैं उसमें विश्वास करें। अब हम एग्जाम देते-देते एग्जाम प्रूफ हो गए हैं, इसलिए तनाव लेने की कोई जरूरत ही नहीं है।
रोचक सवाल का कहानी सुनाकर दिया जवाब
कार्यक्रम के दौरान कुछ बच्चों ने सवाल किया कि सुबह पढ़ाई करें या शाम को? खेलने से पहले पढ़े या बाद में? खाली पेट पढ़ें या खा-पीकर? इसके जवाब में पीएम मोदी ने एक कहानी सुनाई और इसका जवाब दिया। पीएम मोदी ने कहा मुझे एक फिल्म की याद आती है जिसमें रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले एक व्यक्ति को बंगले में रहने का अवसर मिलता है।
लेकिन उसे वहां नींद नहीं आती। उसे रोज रेल की आवाज सुनकर सोने की आदत हो चुकी थी। वह रेलवे स्टेशन जाकर रेलगाड़ियों की आवाज़ रिकार्ड करता है और वापस आकर टेप रिकॉर्डर में सुनकर फिर सोता है। कहने का मतलब यह है कि हमें जो सहज लगे वह समय हमारे बेस्ट है। खुद सोचें कि और देखें कि आप कब और कैसे पढ़ाई के लिए कंफर्टेबल होते हैं।
पीएम मोदी की खास बातें
बिना खेले खिल नहीं सकते
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से कहा कि खेले बिना कोई खिल नहीं सकता। अपने प्रतिद्वंदी की चुनौतियों का सामना करना हम सीखते हैं। किताबों में जो हम पढ़ते हैं, उसे आसानी से खेल के मैदान से सीखा जा सकता अभी तक खेलकूद को शिक्षा से अलग रखा गया, मगर अब बदलाव आ रहा है।
मोबाइल गेमिंग से बचे
प्रधानमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया और मोबाइल गेमिंग के एडिक्शन के बचना चाहिए। इससे बचने के भी उपाय हैं। जितना मजा मोबाइल के अंदर या लैपटॉप के अंदर घुसने में है, उतना ही मजा खुद के अंदर घुसने में भी है। छात्र ऑनलाइन या ऑफलाइन रहने के बजाय कुछ देर इनरलाइन भी रहें। एकाग्र होकर पढ़ाई करेंगे तो मोबाइल के एडिक्शन से बचे रहेंगे।
मन में तय करें परीक्षा जीवन कर हिस्सा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मन में तय कर लीजिए कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है. हमारी विकास यात्रा के ये छोटे-छोटे पड़ाव हैं। इस पड़ाव से पहले भी हम गुजर चुके हैं। पहले भी हम कई बार परीक्षा दे चुके हैं। जब ये विश्वास पैदा हो जाता है तो आने वाले एग्जाम के लिए ये अनुभव आपकी ताकत बन जाता हैं।
एग्जाम को लिख दो चिट्ठी
पीएम मोदी ने परीक्षा की टेंशन दूर करने छात्रों से कहा कि वे एक दिन एग्जाम को ही चिट्ठी लिख दें। पीएम ने कहा कि छात्र एग्जाम को चिट्टी लिखकर बताएं हमारी तैयारी पूरी है, हिम्मत है तो हमारी परीक्षा लो। अरे तुम क्या परीक्षा लोगे, हम तुम्हारी परीक्षा लेंगे।
जो भी करें ध्यान लगाकर करें
पीएम ने कहा कि आप जो भी करें ध्यान लगाकर करें। पढ़ रहे हैं तो पढ़ाई पर ध्यान दें और खेल में हैं तो खेल पर ध्यान दें। एकाग्रता बेहद जरूरी है एकाग्र रहेंगे तो हर काम आसान होगा। ध्यान को सरलता से स्वीकार कीजिए। यह कोई साइंस नहीं है।
बेटे और बेटियों में अंतर न करें
पीएम मोदी ने कहा कि बेटे और बेटियों में अंतर न करें। बेटियों को नया अवसर मिलना चाहिए। आज बेटी हर परिवार की शक्ति बन गई है। इसलिए बेटियों के सामर्थ का सम्मान बहुत जरूरी है। समाज बेटियों के सामर्थ को जानने में अगर पीछे रह गया, तो वो समाज कभी आगे नहीं बढ़ सकता।
आत्मविश्वास पर दिया जोर
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के अंत में पीएम मोदी ने कहा कि पूरे कार्यक्रम के दौरान किसी भी छात्र में आत्मविश्वास की कमी नहीं दिखी। मुझे विश्वास है कि ऐसा ही आत्मविश्वास हर बच्चे के भीतर है। प्रधानमंत्री ने छात्रों और शिक्षाविभाग को बधाई देते हुए कार्यक्रम का समापन किया।