रायपुर। विद्युत संविदा कर्मी अपने भविष्य को लेकर खासे परेशान हैं। काम के दौरान लगातार हो रही घटनाओं से कई की जान चली गई। इसलिए परिवार को देखते हुए नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं। बीते 45 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। इन्हें हटाने के लिए आज सुबह पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। ऐसे में कर्मी नाराज हो गए। उसके बाद पुलिस और कर्मचारियों के बीच झूमाझटकी हो गई है।
बता दें कि धरने में बैठे विद्युत संविदा कर्मियों को विद्युत विभाग में काम करते लंबा समय हो गया है। काम के दौरान करंट लगने की घटनओं में दर्जनों कर्मचारियों की जान चली गई। उसके बाद उनके परिवार की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। परिवार का भविष्य अधर में लटक जा रहा है। इसलिए वे अपनी नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं।
राजधानी के धरना स्थल पर वे 45 दिनों से मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए विभाग व राज्य सरकार नियमितकरण की मांग कर रहे हैं। कड़ी धूप में भी वे धरना दे रहे हैं। इसे लेकर वे कई बार उग्र आंदोलन भी कर चुके हैं, लेकिन आज सुबह माहौल गड़बड़ा गया। पुलिस से बातचीत से शुरू हुआ मामला झूमाझटकी तक पहुंच गया। इस लाठीचार्ज में कई कर्मचारियों के घायल हो गए हैं।
आपको बता दें कि विद्युत संविदा कर्मी नियमित करने सहित अऩ्य मांगों को लेकर प्रदर्शन में डटे हुए हैं। वहीँ कल प्रदर्शन में बैठे एक व्यक्ति की माता का निधन हो गया था। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाए जिससे वे उनकी समस्याओं को सुनकर उसका निराकरण कर सकें।
इधर संविदा कर्मियों का एक और मामला सामने आया है जिसमें उन्होंने पुलिस प्रशासन पर बल पूर्वक खदेड़ने का आरोप भी लगाया है। संविदा कर्मी ने बताया कि कल रात उन्होंने मुख्यमंत्री निवास के घेराव के लिए रैली निकाली थी। पूरी रात प्रतिनिधिमंडल मांगों को लेकर डटा रहा, तब किसी ने उनकी सुध नहीं ली।
उन्होंने आगे बताया कि आज सुबह पुलिस प्रशासन और एसडीएम वहां उपस्थित थे उनके द्वारा बल का प्रयोग करके हमारे आंदोलन को रौंदा गया है। आज सुबह पुलिस की कर्मचारियों के साथ झूमाझटकी हुई थी।
(TNS)