ग्वालियर। ये दुनिया अजब-गजब है। भारत में तो रोचकताओं का जैसे खजाना है। आपने अभी तक गजब व्यक्ति, गजब भवन, पार्क, जीवों के बारे में ही सुना और देखा होगा। लेकिन हैं आपको देश के एक ऐसे शहर के वेयर में बता रहे हैं, जो आपको चकरघिन्नी बना देगा। ये शहर है। मध्य प्रदेश का ग्वालियर।
अगर आप पहली बार ग्वालियर शहर जा रहे हैं तो पहला झटका ग्वालियर रेलवे स्टेशन के बाहर ही लग जायेगा। यहाँ ऑटो और टैम्पो वाले आवाज़ देकर ग्वालियर-ग्वालियर चिल्लाते हैं। शहर में नया आया व्यक्ति एक बारगी ठिठक जाता है कि वह तो ग्वालियर में ही उतरा है, फिर ऑटो वाला किस ग्वालियर जा रहा है। दरअसल ग्वालियर तीन प्राचीन नगर लश्कर, मुरार और ग्वालियर से मिलकर बना है। जिस जगह ग्वालियर का रेलवे स्टेशन है, वह प्राचीन लश्कर नगर में आता है। प्राचीन ग्वालियर नगर रेलवे स्टेशन से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है। इसलिए ऑटो वाला ग्वालियर-ग्वालियर चिल्लाता है।
टोपी बाजार में जूतों की भरमार
अगर आप ग्वालियर में टोपी खरीदना चाहते हैं तो टोपी बाजार को टोपियों की मंडी समझने की गलती न करें। टोपी बाजार पहुंचकर आप हैरान हो जायेंगे। यहाँ अधिकतर दुकानें जूतों की हैं। टोपी के लिए आपको यहाँ घंटों घूमना पद सकता है। शहर की प्रसिद्ध बहादुर स्वीट्स के संचालक अम्बिका अवस्थी बताते हैं कि कभी यहाँ टोपियां मिलती थीं। लेकिन आज ऐसा नहीं है।
दही मंडी में कपड़े
चकरघिन्नी बनने का यह सिलसिला यहीं नहीं रुकता है। दही मंडी भी आपको चौंकाती है। यहीं दही या डेयरी की गिनती की दुकानें हैं, लेकिन कपड़े का बड़ा मार्केट है। किसी नए व्यक्ति को यहाँ दही की दुकान खोजने के लिए मशक्क्त करनी पद सकती है।
नया बाजार भी हो गया पुराना
शहर के नए बाजार में अगर आप नयी चीजें मिलने की उम्मीद कर रहे है तो भी आप को निराशा हाथ लग सकती है। नया बाजार अब पुराना हो चुका है। अब यह एक तरह से कपड़ों का थोक बाजार है। हालाँकि यहां अन्य चीजों की भी दुकानें हैं। लेकिन नए आइटम आपको कहीं और तलाशने पड़ सकते हैं।