तीरंदाज, भोपाल। चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल में शनिवार को लता मंगेश्कर की याद में मास्टर क्लास हुआ। ‘यादें : लता मंगेशकर’ कार्यक्रम में उनके जीवन से जुड़ी बातें साझा करते हुए प्रसिद्ध आवाज कलाकार डॉ. हरीश भिमानी ने बताया कि वीर सावरकर के कारण ही भारत को लता जी की आवाज सुनने को मिली। सावरकर न होते तो लता जी गाना छोड़ चुकी होतीं।
लता मंगेश्कर कोयाद करते हुए डॉ भिमानी ने कहा कि लता मंगेश्कर ने वीर सावरकर से कहा था कि मैं देश सेवा करना चाहती हूं भले ही इसके लिए मुझे गायन छोड़ना पड़े। तब वीर सावरकर ने उन्हें समझाया कि तुम जो काम कर रही हो वह भी देश सेवा का एक माध्यम है। लताजी के मन में वीर सावरकर के प्रति अगाध श्रद्धा थी और वे इसे खुलकर इसे प्रकट करतीं थीं।
बता दें आवाज कलाकार डॉ हरीश भिमानी ने महाभारत में ‘मैं समय हूं’ को आवाज दी थी। लता मंगेश्कर के साथ अपनी पहली मुलाकात के बारे में डॉ. भिमानी ने कहा कि जब मैं पहली बार लताजी से मिला तो मुझे नहीं पता था कि वह मेरी पहली परीक्षा थी। मैं उस परीक्षा में पास हुआ और मुझे निरंतर काम मिलता रहा। यह मेरा सौभाग्य रहा है कि मुझे लताजी ने स्वयं बुलाया था।
उन्होंने बताया कि लताजी हमेशा कहा करती थीं कि उन्हें दूसरा जन्म ना मिले और यदि मिले तो लता मंगेशकर जैसा न मिले। क्योंकि वे साधारण जीवन जीना चाहती थीं। डॉ. भिमानी ने कहा कि लताजी लोगों से बहुत कम बात करती थीं लेकिन वे सच्ची बात करती थीं। वे सबसे ज्यादा खुद से बात करती थीं उन्होंने एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें लताजी से दो बार डांट पड़ी
तथ्य ही सत्य और अर्ध सत्य के बीच की दूरी को पाटता है : अनंत विजय
चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल चौथी मास्टर क्लास में ‘मीडिया में अवसर और चुनौतियां’ विषय पर वरिष्ठ पत्रकार अनंत विजय और आरजे जॉकी, शरत भट्टत्रिपदि ने संवाद किया। इस मौके पर अनंत विजय ने कहा कि पत्रकारिता एक चौराहे पर खड़ी है और मैं जबसे उसे देख रहा हूं, वो वहीं पर ही खड़ी है। पत्रकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि सत्य को सामने रखना। एक अच्छे पत्रकार को तथ्यों के पीछे भागना चाहिए।
मीडिया में रोजगार के अवसर पर एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि नौकरियां बहुत हैं, लेकिन कुशलता की कमी है। आप कुशल बनिए, नौकरियां आपके इंतेजार में हैं। श्री विजय ने कहा कि सत्य कहना पत्रकार की जिम्मेदारी है। समाचार में एजेंडा नहीं आना चाहिए। पत्रकार को खबर परखने की समझ होनी चाहिए। अच्छे कंटेंट की भूख सबको है, पाठक खुद आपके पास दौड़कर आएगा। एक खबर को खबर के हिसाब से लिखना चाहिए, मूड के हिसाब से नहीं।
बड़े शहरों का कंटेंट कम पर छोटे शहरों में है कंटेंट की भरमार
रेडियो इंडस्ट्री के सुपरिचित नाम शरत भट्टत्रिपदि ने कहा कि बड़े शहरों में कंटेंट खोखला है। वहीं, छोटे शहरों में कंटेंट की भरमार है। उन्होंने कहा कि लोगों को स्वाभाविक भाव पसंद आते हैं। इसके अलावा उन्होंने विद्यार्थियों को ऑडियो के क्षेत्र में अवसरों से भी परिचित कराया और उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि ऑडियो के क्षेत्र में विद्यार्थी पॉडकास्टर, आरजे, स्टोरी टेलर और डबिंग आर्टिस्ट के रूप में भी कार्य कर सकते हैं।
27 मार्च को होगा फेस्टिवल का समापन
चित्र भारती फ़िल्म फेस्टिवल-2022 का समापन समारोह 27 मार्च को शाम 6 बजे रविन्द्र भवन के नवीन सभागार में होगा। समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रित राज्यमंत्री, सूचना प्रसारण मंत्री डॉ. लोगनाथन मुरुगन शामिल होंगे। साथ ही प्रख्यात अभिनेता और पं. लख्मीचंद राजकीय प्रदर्शन एवं दृश्यकला विश्वविद्यालय, हरियाणा के कुलपति गजेन्द्र चौहान, फिल्म निर्देशक अभिनव कश्यप और विवेक अग्निहोत्री भी बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे। भारतीय चित्र साधना के अध्यक्ष प्रो. बीके कुठियाला एवं आयोजन समिति के अध्यक्ष दिलीप सूर्यवंशी भी उपस्थित रहेंगे।
विजेताओं को मिलेंगे अवार्ड
चित्र भारती फ़िल्म फेस्टिवल के समापन समारोह में पांच श्रेणियों में विजेता फिल्मों के निर्देशकों को अवार्ड दिए जाएंगे। अवार्ड के साथ ही कुल 10 लाख के नगद पुरस्कार भी हैं। 27 मार्च को आयोजन स्थल माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी स्थित नवीन परिसर में सुबह 12:15 से मराठी सिनेमा के प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक वामन केंद्रे ‘अभिनय’ विषय पर मास्टर क्लास लेंगे। वहीं, प्रख्यात फ़िल्म निर्देशक एवं पटकथा लेखक अभिनव कश्यप खुले सत्र को संबोधित करेंगे।