Tirandaj Desk। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग में अब अंतरिक्ष तक पहुंच गई है। अमेरिकी प्रतिबंधों से रूस पर कोई खास असर अभी तक तो नहीं पड़ा है, लेकिन उसने यह जरूर साफ कर दिया है कि यदि पश्चिमी देशों ने उस पर लगातार प्रतिबंध लगाकर दबाव बनाया, तो अंतरिक्ष स्टेशन को वह गिरा देगा।
रूस ने कहा कि उसके खिलाफ लगे पश्चिमी देशों और अमेरिका का प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण बन सकता है। इसके अलावा वह अंतरिक्ष स्टेशन में रहने वाले अमेरिकी वैज्ञानिकों को वहीं पर छोड़ देगा। रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू होने के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस कहा कि वह भविष्य में अपना स्पेस स्टेशन तक स्थापित कर सकता है। गौरतलब है कि अंतरिक्ष स्टेशन में रूस की अहम भागीदारी रही है। अमेरिका इसके संचालन में रूस का सहयोग लेता रहा है। वहीं अमेरिका और रूस समेत दूसरे देशों के अंतरिक्ष यात्री इस स्टेशन का हिस्सा बनते आए हैं।
इसे देखते हुए अंतरिक्ष स्टेशन की ऊंचाई को बढ़ा दिया गया है। गौरतलब है कि रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी को हमला किया था और तभी से अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा सहित कई देश रूस पर हमला रोकने के लिए दबाव बना रहे हैं। मगर, 17 दिनों से लगातार बरस रहे रूसी गोलों ने आधे यूक्रेन को तबाह कर दिया है।
इजरायल ने कहा- रूस की शर्तों को मान ले यूक्रेन
इस बीच इजरायल ने यूक्रेन से कहा है कि वह रूस की शर्तों को बिना देरी किए मान ले। रूस की सेना अब यूक्रेन की राजधानी कीव के बहुत करीब पहुंच गई है। वहीं, प्रमुख बंदरगाह वाले शहर मारियुपोल पर भी रूस के जबरदस्त हमले जारी हैं। इसकी वजह से यूक्रेन के करीब 20 लाख लोग घर छोड़कर दूसरे देशों में शरण ले चुके हैं।