तीरंदाज, ग्वालियर। जिले के डबरा के चांदपुर में एक अजब-गजब मामला सामने आया हैं। यहां के एक भोज में बना रायता पीने वालों की अस्पताल में लाइन लग गई। यह लाइन किसी बीमारी के कारण नहीं बल्कि रेबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए लगी। दरअसल जिस भैंस के दूध से बने दही से रायता तैयार किया गया था, उस भैंस की मौत कुत्ते के काटने से हो गई। इसके बाद बछड़े की भी मौत हो गई।
इसके बाद किसी ने अफवाह फैला दी कि जिसने भी रायता पिया है उसे रैबीज हो जाएगा। इसके बाद यहां के अस्पताल में रैबीज का इंजेक्शन लगवाने वालों की लाइन लग गई। 500 से ज्यादा लोग एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने जिला अस्पताल पहुंच गए। जब यह बात डॉक्टर को पता चली तो उसने इंजेक्शन देने से मना कर दिया। इसके बाद लोग एसडीएम के पास चले गए।
यह पूरा मामला जिले के चांदपुर का है। चांदपुर में एक भैंस को कुछ दिनों पहले पागल कुत्ते ने काट लिया था। भैंस की मौत से ठीक पहले उसके दूध से दही और छांछ बनाया गया था। जिसे भैंस मालिक ने गांव में आयोजित एक मृत्युभोज में रायता बनाने के लिए दे दिया। इस भोज में 700 से अधिक ग्रामीण शामिल हुए थे। लोगों ने खाने के साथ रायते का भी मजा लिया।
इसके बाद लोगों को पता चला कि जिस भैंस के दूध से बने दही का रायता ग्रमीणों ने खाया वह भैंस मर गई है। भैंस को एक पागल कुत्ते ने काट लिया। यही नहीं भैंस के बछड़े ने भी दम तोड़ दिया। यह खबर मिलते ही लोगों में हड़कंप मच गया और वे सभी आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे और एंटी रैबीज का टीका लगाने की मांग करने लगे। ग्रामीणों में रायता पीने के कारण जहर फैल जाने की दहशत मची हुई थी।
एसडीएम के पास पहुंचे ग्रामीण
जिला अस्पताल डाक्टर्स ने जब इतनी बड़ी संख्या में लोगों को देखा तो रैबीज का इंजेक्शन देने से मना किया। इसके बाद ग्रामीण SDM के पास पहुंच गए। मामले की गंभीरता और ग्रामीणों में दहशत के माहौल के चलते डबरा SDM प्रदीप शर्मा ने तत्काल ग्वालियर से टीम बुलाई। इसके बाद डॉक्टरों ने लोगों को समझाया कि दूध पीने या रायता खाने से रेबीज जैसी बीमारी नहीं फैलता है।