बिलासपुर। कोरबा से धर्मजय गढ़ के बीच नई रेल लाइन का रास्ता साफ हो गया है। 62.5 किमी लंबी इस नई रेल लाइन के निर्माण से भविष्य में दोनों शहरों की दूरी काफी कम हो जाएगी। वहीं रेलवे को गूड्स ट्रेनों के संचालन से लाभ भी हो। मंगलवार को नई रेलवे लाइन के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) एवं छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (CERL) के बीच कन्शेसन एग्रीमेन्ट पर हस्ताक्षर हुए।
रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा (उरगा) से धर्मजयगढ़ तक रेलवे लाईन बिछाए जाने बिलासपुर में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे एवं छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल) के मध्य कन्शेसन एग्रीमेन्ट पर हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर रेलवे जीएम आलोक कुमार व सीईआरएल के चेयरमैन व सह निदेशक मनोज कुमार प्रसाद सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
इस एग्रीमेन्ट के बाद कोरबा (उरगा) से धर्मजयगढ़ तक लगभग 62.5 किलोमीटर की नयी रेलवे लाईन का रास्ता साफ हो गया है। एग्रीमेन्ट के जरिए छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड लगभग 30 वर्षों तक ढुलाई राजस्व भारतीय रेल के साथ शेयर करेगी जिसके एवज में रेल व्यवस्था का संचालन, रख-रखाव तथा निर्माण उपलब्ध कराया जाएगा।
मार्च 2025 तक पूरा हो जाने की उम्मीद
छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड कम्पनी को स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) माडल पर विकसित किया गया है तथा इसमें एसईसीएल के साथ-साथ ईरकॉन इन्टरनेशनल लिमिटेड व छत्तीसगढ़ शासन के छत्तीसगढ़ स्टेट इन्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड की सहभागिता है। लगभग 1700 करोड़ रुपए की संभावित लागत से विकसित की जा रही ईस्ट रेल कॉरीडोर परियोजना मार्च 2025 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।
यातायात व माल ढुलाई के लिए महत्वपूर्ण परियोजना
छत्तीसगढ़ के सूदूर अंचलों में यातायात व माल ढुलाई के लिहाज से यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण है। इस परियोजना से जुड़े भूमि अधिग्रहण का अधिकतम कार्य पूरा कर लिया गया है वहीं वन स्वीकृति भी अग्रिम चरण में है। ईस्ट रेल कॉरीडोर के संचालित होने से एसईसीएल के माण्ड-रायगढ़ कोलफील्ड केप्टिव ब्लॉक तथा कमर्शियल माईनिंग की परियोजनाओं से कोयले के ढुलाई में भी तेजी व सहूलियत आने की आशा है। इसके पूरा होने के बाद प्रोजेक्ट माण्ड-रायगढ़ कोलफील्ड्स एवं वसुन्धरा कोलफील्ड्स में कोयले के डिस्पैच के लिए एक्सट्रा रूट मिलेगा।