देहरादून। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद भी पार्टी ने उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में फिर से पुष्कर सिंह धामी पर भरोसा जताया है। उन्हें फिर से विधायक दल का नेता चुना गया है।
बता दें कि भाजपा में कई दिनों से मुख्यमंत्री पद को लेकर मंथन चल रहा था। शाम को लिए गए निर्णय के बाद सस्पेंस खत्म हो गया है। चुनाव हारने के बाद भी पार्टी ने पुष्कर सिंह को ही उत्तराखंड प्रदेश की कमान सौंपने का निर्णय लिया गया है।
आज दिनभर चले मंथन के बाद भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी के नाम पर सब ने हामी भरी। निर्णय के बाद उत्तराखंड को 12वें मुख्यमंत्री के रूप में सीएम पुष्कर सिंह धामी का चेहरा फिर मिल गया। बता दें कि दस मार्च को आए चुनाव परिणामों के बाद उत्तराखंड में भाजपा बहुमत का जादुई आंकड़ा छूने में कामयाब रही, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से बूरी तरह हारे थे, फिर भी उत्तराखंड में बीजेपी की बहुमत के साथ जीत हुई।
सोमवार की शाम तक पार्टी के विधायकों की बैठक में उत्तराखंड में सीएम को लेकर चल रहे मंथन और सस्पेंस धामी के नाम पर मुहर के बाद खत्म हो गया। चुनाव हारने के बावजूद पार्टी ने पुष्कर सिंह पर एक बार फिर भरोसा दिखाया है। उन्हें कमान सौंपे जाने का फैसला लिया गया है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी।
एक परंपरा आज टूटी
आपको बता दें कि दो दशक में उत्तराखंड के इस दौरान प्रदेश को 11 मुख्यमंत्री मिले हैं। भाजपा ने सात मुख्यमंत्री दिए, तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने तीन सीएम दिए हैं। हालांकि, भाजपा शासन के पांच साल के कार्यकाल में पहली बार उत्तराखंड में तीन-तीन मुख्यमंत्री मिले हैं। सबसे खास बात यह है कि सभी मुख्यमंत्रियों में से सिर्फ कांग्रेस के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी ही 5 साल का कार्यकाल पूरा कर पाए थे।
(TNS)