रायपुर। दूसरे राज्यों से फर्जी डिग्री लेकर छत्तीसगढ़ में लोगों की जान से खेलने वाले फर्जी चिक्तित्सकों पर कार्रवाई की गई है। प्रदेशभर के ऐसे चिकित्सकों की डिग्रियों की चल रही जांच में तीन जिलों के डॉक्टर पकड़ में आए हैं। प्रदेश में पंजीकृत ऐसे चिकित्सकों पर पहली कार्रवाई में तीन के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।
मामले में मिल रही शिकायतों के आधार पर छत्तीसगढ़ आयुर्वेदिक तथा यूनानी चिकित्सा पद्धति प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड रायपुर की टीम ने जांच शुरू कर दी है। इसके तहत प्रदेश के फर्जी डिग्रीधारियों पर नकेल कसे जा रहे हैं। तीन आर्युेवेदिक चिकित्सकों के पंजीयन को निरस्त किया गया है।
छत्तीसगढ़ आयुर्वेदिक तथा यूनानी चिकित्सा पद्वति एवं प्राकृतिक बोर्ड रायपुर के रजिस्ट्रार संजय शुक्ला ने कार्रवाई की जानकारी दी है। रजिस्ट्रार से मिली जानकारी अनुसार बोर्ड में पंजीकृत तीन आयुर्वेद चिकित्सक डाॅ. गोविंद राम चंद्राकर ग्राम हनौदा दुर्ग, डाॅ. अजय कुमार जंघेल ग्राम पंडरिया राजनांदगांव एवं डाॅ. खगेश्वर वारे ग्राम हिर्री सारंगढ़, जिला रायगढ़ के शैक्षणिक दस्तावेज खंगाले गए हैं।
रजिस्ट्रार शुक्ला ने बताया कि इनकी डिग्री से संबंधित विश्वविद्यालयों से कूटरचित होने की सूचना मिलने पर उनका पंजीयन प्रमाण पत्र छत्तीसगढ़ आयुर्वेदिक यूनानी तथा प्राकृतिक चिकित्सा व्यवसायी अधिनियम 1970 के धारा 19 (1) (घ) एवं धारा 29 (ग) के तहत निरस्त कर दिया गया है।
रजिस्ट्रार ने आगे जानकारी दी कि चिकित्सकों ने छत्तीसगढ़ बोर्ड में पंजीयन के समय बिहार के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुज्जरपुर पटना बिहार से जारी बीएएमएस की अंकसूचियां एवं डिग्री प्रमाण-पत्र संलग्न किया था। डाॅ. शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में पंजीकृत ऐसे आयुर्वेद चिकित्सा व्यवसायी जिन्होंने अन्य राज्यों से बीएएमएस की डिग्री प्राप्त की है तथा जिनका पूर्व में संबंधित विश्वविद्यालयों से सत्यापन नहीं हुआ है उनके शैक्षणिक दस्तावेजों को बोर्ड द्वारा सत्यापन करवाया जा रहा है। जिन चिकित्सकों की डिग्रियां फर्जी पाई जाएगी उनका पंजीयन बोर्ड के अधिनियमों के तहत निरस्त किए जाएंगे।
डाॅ. संजय शुक्ला ने बताया कि पंजीकृत चिकित्सकों के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी होने की सूचना प्राप्त होने पर बोर्ड द्वारा गठित सुनवाई समिति के सामने चिकित्सकों को प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया था। सुनवाई समिति के सामने दो चिकित्सक उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा, किंतु एक चिकित्सक को बार-बार सूचना भेजने के बावजूद उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा।
सुनवाई समिति के समक्ष चिकित्सकों द्वारा प्रस्तुत बयानों को लेकर बोर्ड की 8 फरवरी को बैठक हुई थी। बैठक में निर्णय लिया गया था कि फर्जी डिग्रीधारी चिकित्सकों का पंजीयन छत्तीसगढ़ से निरस्त किया जाएगा।
नए लोग भी हैं जो पंजीयन के लिए आवेदन किए है
रजिस्ट्रार संजय शुक्ला ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ आयुर्वेदिक तथा यूनानी चिकित्सा पद्वति एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड रायपुर में कुछ ऐसे आवेदकों ने पंजीयन के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है जिन्होंने अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों से डिग्रियां प्राप्त की हैं। ऐसे आवेदकों की डिग्रियों की जांच विश्वविद्यालय से करवाई गई है। जहां से यह सूचना प्राप्त हुई कि आवेदकों की मार्कशीट और डिग्रियां फर्जी हैं। फलस्वरूप इन आवेदकों का पंजीयन नहीं किया गया है। ऐसे आवेदकों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।
(TNS)