रायपुर। कोरोनाकाल की वजह से छत्तीसगढ़ में साल भर ऑनलाइन क्लासेस चली हैं। इस दौरान कई टेक्निकल परेशानियां आईं। इसके साथ भी कई तरह की समस्याओं के कारण कोर्स अधूरा है। इसी बात को लेकर विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा की मांग कर रहे हैं।
इधर विश्वविद्यालय ने ऑफ लाइन परीक्षा के लिए समय सारिणी की घोषणा कर दी है। इससे नाराज विद्यार्थियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। ऑनलाइन पढ़ाई हुई है तो परीक्षा भी ऑनलाइन कराने के मांग को लेकर वे रायपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के बाहर सोमवार को जमकर प्रदर्शन किए।
एनएसयूआई ने विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी के छात्र शामिल होकर नारेबाजी करते हुए यूनिवर्सिटी कैंपस में दाखिल हो गए। इस दौरान पहले से ही कैंपस में मौजूद पुलिस ने एंट्रेंस गेट के पास इन्हें रोक दिया। यहीं बैठकर काफी देर तक स्टूडेंट यूनियन के नेता और छात्र धरना देते रहे। सभी स्टूडेंट नारे लगाते रहे।
बताया गया कि यह विरोध प्रदर्शन यूनिवर्सिटी में होने वाले परीक्षाओं को लेकर है। यूनिवर्सिटी ने ऑफलाइन परीक्षा लेने का ऐलान किया है। इसी बात का विरोध छत्तीसगढ़ एनएसयूआई और यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट कर रहे हैं। काफी देर तक हंगामे और नारेबाजी के बाद विद्यार्थी यूनियन ने अपना एक ज्ञापन प्रबंधन को सौंपा। ज्ञापन में छात्रों की तरफ से यह मांग की गई है कि आगामी परीक्षा को ऑफलाइन मोड की बजाय ऑनलाइन तरीके से लिया जाए।
इस वजह से कर रहे हैं विरोध
इस पूरे विरोध प्रदर्शन को लेकर छात्र नेता हनी सिंह ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने पूरे साल ऑनलाइन क्लासेस ली। बहुत से स्टूडेंट को पढ़ने में और कोर्स कंप्लीट करने में दिक्कतें आईं। इसकी शिकायत हमारे पास पहुंची थी। इस वजह से एनएसयूआई के पदाधिकारी छात्र हित में इस मांग को यूनिवर्सिटी प्रबंधन के सामने रख रहे हैं। जब वह पढ़ाई ऑनलाइन तरीके से हो सकती है तो परीक्षा क्यों नहीं दी जा सकती। ऑनलाइन परीक्षा लिए जाने से परीक्षा का दबाव कम होगा, जिन बच्चों की ठीक तरह से तैयारी ही नहीं हो पाई उन्हें उत्तर देने का अधिक समय मिलेगा।
16 अप्रैल से होनी है परीक्षा
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की परीक्षाएं 16 अप्रैल से ली जानी है। इसका टाइम टेबल भी जारी कर दिया गया है। ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कि ये परीक्षाएं ऑफलाइन तरीके से होंगी। यानि कि कॉलेज जाकर स्टूडेंट्स को परीक्षा देनी होगी। पिछले साल कोविड-19 संक्रमण की वजह से परीक्षाएं ऑनलाइन भी हुई थी। इस बार हो रही परीक्षा में 1 लाख 82 हजार से अधिक स्टूडेंट्स शामिल होंगे। अब यूनिवर्सिटी पर निर्भर करता है कि वह छात्र संगठन की ऑनलाइन परीक्षा की मांग को मानता है या नजरअंदाज कर ऑफलाइन परीक्षा लेने की बात पर ही पड़ा रहता है। फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है। इधर एनएसयूआई नेताओं के ज्ञापन पर यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने विचार करने की बात कही है।
(TNS)