बेंगलुरु। अभी हिजाब मामला शांत नहीं हुआ है और कर्नाटक में एक और धार्मिक विवाद पैदा करने वाला मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तटीय कर्नाटक में कुछ अज्ञात लोगों ने एक विवादित बैनर लगाकर मंदिरों में लगने वाले मेलों में मुसलमानों की दुकानों पर बैन लगाने की मांग की है।
मामले में बताया जा रहा है कि ये लोग दक्षिणपंथी हिंदू समूह के सदस्य हैं। मामले में भारी विरोध के बीच इन मेलों की आयोजन समितियों ने इस अनुचित मांग के आगे घुटने टेक दिए हैं। दक्षिणपंथी हिंदू समूहों का कहना है कि हिजाब पर आए फैसले के बाद मुस्लिम संगठनों ने अपनी दुकानें बंद रखने का एलान किया था। इसलिए मंदिरों को उन्हें वार्षिक मेले में स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
विरोध कर रहे लोगों का कहना है पहले इन्होंने विवाद को हवा दी है। दक्षिण कन्नड़ जिले में कुछ जगहों पर विवादित पोस्टर देखे गए जिसमें लिखा था कि ऐसे लोगों को यहां व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, जो कानून का सम्मान नहीं करते और एकता के खिलाफ हैं। जो लोग उन गायों को मारते हैं, जिनकी हम पूजा करते हैं। हिंदू अब जागरूक हो चुके हैं।
हिजाब विवाद के बाद बन रही यह स्थिति
सांप्रदायिक तनाव के बावजूद अतीत में इस तरह के त्योहारों ने शायद ही कभी किसी समुदाय की व्यावसायिक संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया हो, लेकिन हिजाब पर हाईकोर्ट के फैसले पर मुसलमानों द्वारा बुलाए गए बंद के बाद क्षेत्र के कई मंदिरों ने अपने त्योहारों में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगा दी। बता दें कि राज्य के तटीय क्षेत्र में मंदिरों के वार्षिक उत्सव, जो आमतौर पर अप्रैल-मई में आयोजित होते हैं, जहां से करोड़ों का राजस्व प्राप्त करते हैं।
नीलामी में मुसलमानों के भाग लेने पर रोक
धर्म विशेष के द्वारा विवाद को हवा देने के कारण ही 20 अप्रैल को होने वाले महालिंगेश्वर मंदिर के वार्षिक उत्सव के आयोजकों ने नीलामी में मुसलमानों के भाग लेने पर रोक लगा दी है। आमंत्रण में आयोजकों ने स्पष्ट किया है कि 31 मार्च को बोली में भाग लेने के लिए केवल हिंदू ही पात्र हैं। मामले में मंदिर के अधिकारी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे।
(TNS)