तीरंदाज डेस्क। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) महिलाओं के सम्मान का दिन। हर साल 8 मार्च को ही यह दिन क्यों मनाया जाता है। इसे लेकर भी काफी रोचक किस्सा है। 8 मार्च के दिन को महिलाओं के सम्मान का प्रतीक माना गया है। इस दिन विशेष कार्य करने वाली महिलाओं को याद किया जाता है। उनके योगदान को सम्मान दिया जाता है। आइए जानते है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के शुरुआत की कहानी।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक सदी से भी ज्यादा पुराना है। दुनिया में पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में मनाया गया था। उस दौरान सामाजिक कार्यक्रम नहीं था बल्कि एक राजनीतिक कार्यक्रम था। इसके बाद सोवियत संघ ने इस दिन राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा कर दी। वह दिन 8 मार्च 1909 था। तब से लेकर आज तक पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा।
हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं खुलकल जश्न मनाती हैं। मनाएं भी क्यों न, आज महिलाएं पुरुषों से पीछे नहीं हैं। आज की महिलाएं अपने सपनों की उड़ान भरने में यकीन रखती हैं। हालांकि कई लोगों के मन में इस दिन को लेकर कई तरह के सवाल आते हैं। जैसे क्यों मनाते हैं ये दिन, 8 मार्च को ही क्यों, इस दिन का रंग क्या है, इसकी जरूरत क्या है..वगैराह। ऐसे में हम आपको बताएंगे इस दिन से जुड़ी कुछ रोचक बाते। क्या है इतिहास?
महिलाओं के सम्मान का दिन
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का यह दिन महिलाओं के अधिकार, सम्मान दिलाने के लिए समाज को जागरूक करने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। वैसे तो आज समाज काफी आगे निकल गया है, लेकिन महिलाओं के हक की लड़ाई आज भी जारी है। हालांकि कई महिलाएं ऐसी हैं जो आज भी अपने हक के लिए के लिए लड़ रही है, आज भी कई जगहों पर सम्मान और अधिकार नहीं मिल रहे है।
कैसे हुई अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत
इस दिन को महिलाओं द्वारा अपने आत्मसम्मान की रक्षा व अधिकारों की लड़ाई के लिए जाना जाता है। यह किस्सा साल 1908 का है। न्यूयार्क में 15000 महिलाओं काम के घंटे कम करने, बेहतर सैलरी व महिलाओं को भी वोट देने के अधिकार की मांग करते हुए न्यूयॉर्क में मार्च निकाला था। महिलाओं की हड़ताल इतनी कामयाब रही कि वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ना पड़ा।
यही नहीं अंतरिम सरकार ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दे दिया। महिलाओं के इस आंदोलन को इतनी अधिक सफलता मिली कि इसके एक साल बाद 8 मार्च 1909 को सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया। न्यूयार्क से निकलकर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड में मनाया गया था। इसके बाद धीरे धीरे यह दिन पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा।
हर साल होती है अलग अलग थीम
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को महिलाओं के सम्मान के दिन के रूप में याद किया जाता है। भारत में भी महिलओं के सम्मान के लिए यह दिन सेलीब्रेट किया जाने लगा। हर साल महिला दिवस किसी ना किसी थीम पर आधारित होता है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ‘जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो’ यानी मजबूत भविष्य के लिए लैंगिक समानता जरूरी है।