रायगढ़। आयकर विभाग के पास एक ऐसा मामला आया है जिसका न स्थाई पता है और न ही कोई आफिस। रायगढ़ में जिस स्थान पर कंपनी खोलने की जानकारी दी गई है उसे ढूंढते-ढूंढते विभाग के पशीने छूट गए हैं। पर दो फर्मों के बीच करोड़ों रुपए का लेन-देन भी हो गया है।
मामले में जांजगीर-चांपा के प्रकाश इंडस्ट्रीज और रायगढ़ के सांईनाथ स्टील ट्रेडिंग के बीच हुई करोड़ों की खरीद-बिक्री मामले में आयकर विभाग अब सांईनाथ स्टील को खोज रही है। दरअसल रायगढ़ में जहां उक्त ट्रेडिंग का कार्यालय दिखाया गया है उक्त स्थान पर कभी सांईनाथ ट्रेडिंग का कार्यालय खुला ही नही था।
केवल कागजों में संचालित इस कंपनी को खोजने में आयकर विभाग परेशान हो गया है। इधर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह एक रूटीन प्रक्रिया है, जहां संबंधित संस्थान का पता दिया रहता है वहां ही नोटिस चस्पा किया जाता है।
बता दें कि इस माह इंकम टैक्स का लगातार रेड जारी है।
गौरतलब है कि आयकर चोरी मामले में आईटी डिपार्टमेंट की टीम ने कुछ दिन पूर्व प्रकाश इंडस्ट्रीज कंपनी पर छापा मारा था, यहां से काफी गड़बड़ी मिली थी। जिस सांईनाथ स्टील ट्रेडिंग कंपनी से खरीदी दिखाई है उसका बैंक एकाउंट रायपुर का है तो पता रायगढ़ का। जिस जगह पर कंपनी का पता दिखा रहा है वहां ऐसा कुछ नहीं है।
जांजगीर-चांपा के प्रकाश इंडस्ट्रीज और रायगढ़ के सांईनाथ स्टील ट्रेडिंग के बीच हुई करीब 30 करोड़ की खरीद-बिक्री मामले में आयकर विभाग अब सांईनाथ स्टील को ढूंढ रही है। इसके लिए आयकर विभाग द्वारा रायगढ़ के जेल काम्प्लेक्स के दुकान में नोटिस चस्पा किया गया है।
प्रकाश इंडस्ट्रीज ने उक्त राशि सांईनाथ स्टील ट्रेडिंग के श्रवण कुमार तिवारी के खाते में जमा की और बाद में उक्त राशि वापस आरटीजीएस हो गया। आयकर विभाग की जांच में उक्त फर्म के नाम से खाता रायपुर के जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक में मिला।
बैंक अकाउंट की जांच की गई तो उसके पैन नंबर में रायगढ़ के जेल काम्प्लेक्स के दुकान का पता अंकित था, लेकिन उक्त दुकान में इस नाम से कोई फर्म संचालित ही नहीं हुई। इस कारण अब आयकर विभाग बार-बार उक्त दुकान के बाहर नोटिस चस्पा कर रही है। आयकर विभाग द्वारा जारी नोटिस में यह संदेह जताया गया है कि यह पूरी तरह से बोगस खरीदी है।
उद्योग प्रबंधन ने कहा
इस मामले को लेकर प्रकाश इंडस्ट्रीज के उद्धव सिंह से बात की गई तो उन्होंने इस मामले से अपने को अनजान बताया। वहीं मामले को लेकर कुछ भी कहने से बचते रहे।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस मामले को लेकर आयकर विभाग के अधिकारियों ने इसको रूटीन प्रक्रिया बताया। कहा कि उक्त संबंधित फर्म से जवाब न मिलने पर जो पता अंकित रहता है उसमें नोटिस चस्पा किया जाता है।