तीरंदाज डेस्क। Sustainable Development Goal यानी सतत विकास के मामले में भारत के लिए चौंकाने वाली खबर है। ग्लोबल लेवल पर हुए सर्वे में भारत अपने पिछले साल के आकड़ों को भी कायम नहीं रख पाया। इस मामले में भारत से बेहतर प्रदर्शन पड़ोसी देश बांग्लादेश, भुटाव व श्रीलंका का रहा। सर्वे के मुताबिक पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 3 पायदान नीचे आकर 120 वें स्थान पर पहुंच गया है।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के 192 सदस्य देशों द्वारा सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने का एजेंडा 2030 अपनाया गया। इसके तहत हर वर्ष विभिन्न परिस्थितियों के आधार पर विकास का लक्ष्य तय कर देशों को रैंकिंग दी जाती है। संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में इस प्रस्ताव को अपनाया था, था। वैश्विक भागीदारी के जरिये इस स्थिति को प्राप्त करने के लिए सतत विकास के 17 लक्ष्य तय किए गए हैं। जिसकी ताजा रैंकिंग के मुताबिक भारत पड़ोसी पाकिस्तान को छोड़कर अपने सभी पड़ोसी देशों से पीछे है।
ताजा सर्वे में भारत पिछले साल के मुकाबले तीन पायदान फिसलकर 120वें स्थान पर पहुंच गया। इस सूची में भारत के पड़ोसी देशों का प्रदर्शन देखें तो पाकिस्तान ही हमसे नीचे है। इस लक्ष्य हासिल करने के मामले में भारत सभी दक्षिण एशियाई देशों से पीछे है। इस सूची में भूटान 75वें, श्रीलंका 87वें, नेपाल 96वें और बांग्लादेश 109वें पायदान पर है। पाकिस्तान इस सूची में 129 वें पायदान पर है।
भारत को सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal) के लिए निर्धारित अंक 100 में से 66 मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर जिंदगी के मुद्दों पर भी भारत का खराब प्रदर्शन रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल भारत भूख को समाप्त करने, खाद्य सुरक्षा हासिल करने, लैंगिक समानता, लचीला बुनियादी ढांचा, समावेशी और टिकाऊ औद्योगीकरण का लक्ष्य हासिल करने में नाकाम रहा।
डेवलपमेंट में केरल सबसे आगे
रिपोर्ट के मुताबिक यदि डेवलपमेंट के मामले में केरल अव्वल है। वहीं, हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु दूसरे स्थान पर हैं। तीसरे पायदान पर गोवा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड हैं। इस मामले में झारखंड और बिहार सबसे पीछे हैं। वहीं केन्द्र शासित प्रदेशों में इस लक्ष्य को हासिल करने की तैयारियों के मामले में चंडीगढ़ पहले स्थान पर है। लक्षद्वीप और पुड्डुचेरी दूसरे स्थान पर हैं, वहीं अंडमान निकोबार तीसरे स्थान पर है।