तीरंदाज, डेस्क। अंतरिक्ष में हलचल और पृथ्वी पर असर समय-समय पर दिखता है। ताजा घटनाक्रम में अंतरिक्ष में सौर तूफान उठा है जो हमारी पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इस सौर तूफान की तेजी का अंदाजा इसी बात ले लगाया जा सकता है कि इसकी रफ्तार 21 लाख किमी प्रति घंटे से भी ज्यादा है। नासा के वैज्ञानिकों ने इस सौर तूफान को लेकर अलर्ट जारी किया है।
नासा से मिली रिपोर्ट के अनुसर हाल ही में सूर्य पर एक बड़ा विस्फोट हुआ जिसके बाद अंतरिक्ष में सौर तूफान उठा। यह सौर तूफान 14 मार्च से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है और गुरुवार यानी 31 मार्च को यह पृथ्वी से टकराएगा। नासा के अनुसार यह सौर तूफान 21,85,200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। इस तूफान के पृथ्वी से टकराने के चांसेज 80 फीसदी तक हैं।
पहले की मुकाबले तीन गुना ज्यादा खतरा
नासा के वैज्ञानिकों ने चेताया है कि इस बार पहले के तूफान से तीन गुना ज्यादा खतरा है। नासा ने बताया कि सौर तूफान के कारण न्यूजीलैंड व न्यूयॉर्क के आकाश में तेज चमक दिखेगी। नासा के वैज्ञानिकों ने यह भी बताया है कि पिछले कई वर्षों में सूरज में कम हलचल देखी गई है। ऐसा सोलर मिनिमम के कारण होता है। नासा ने बताया कि अब तेजी से हालात बदल रहे हैं। सोलर मिनिमम से मैक्सिमम की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। 2025 में इसके और बढ़ने की संभावना है।
सौर तूफान का यह होगा असर
सौर तूफान के कारण धरती का बाहरी वायुमंडल गर्म होने का सीधा असर सैटेलाइट पर पड़ेगा। सौर तूफान से रेडियो व जीपीएस सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। इससे जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट टीवी में रुकावट पैदा हो सकती है। बिजली पर असर होगा। बताया जा रहा है कि इससे पावर लाइन में करंट तेज हो सकता है, जिससे ट्रांसफार्मर भी उड़ सकते हैं। हालांकि इसकी संभावना कम है लेकिन प्रभाव से इंकार नहीं किया जा सकता है।