Tirandaj, Indore। हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को भगवान शिव का प्रिय प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 15 मार्च 2022 को मंगलवार के दिन पड़ रही है, जिसकी वजह से इसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा।
इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव के साथ हनुमान जी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। कहते हैं कि संतान प्राप्ति के लिए भौम प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। जिनके घर संतति का सुख नहीं है, उन्हें संतति प्राप्त होती हैc साथ ही जिनके संतान हैं, वे कष्टों से दूर रहती हैं। प्रदोष का व्रत करने से भक्तों के सभी दुख दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
आचार्य गिरीश व्यास ने बताया कि भौम प्रदोष व्रत के दिन रुद्रावतार हनुमान जी का भगवान शंकर के साथ पूजन करना विशेष फलदायी होगा। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि भौम प्रदोष व्रत के दिन हनुमान जी का पूजन करने से मंगल ग्रह संबंधी दोषों से मुक्ति मिलती है। तो चलिए आपको बताते हैं हनुमान जी के कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में जिन्हें भौम प्रदोष व्रत के दिन जपने से संकट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
1- ॐ ऐं भ्रिं हनुमते नमः इस मंत्र का जाप की एक माला भगवान को समर्पित कर सफेद पुष्पो से अर्चन कर सकते हैं।
2- श्री राम दूताय नमः इस मंत्र का जाप भगवान पर सिंदूर चढ़ाते हुए हुए करना चाहिए।
3- हनुमान अष्टदशाक्षर मंत्र – ये हनुमान जी का अठारह अक्षरों का सिद्ध मंत्र है, इसका जाप करने से सभी प्रकार की आधी व्याधियों से छुटकारा और 108 या 1008 पाठ करने से सिद्धि प्राप्ति होती है।
4- नमो भगवते आन्जनेयाये महाबलाये स्वाहा। इस मंत्र से पूजन कर हवन करने से घर की कलह और परेशानियों से छुटकारा मिलता है।