तीरंदाज डेस्क। शहरों में बढ़ता प्रदूषण सभी के लिए चिंता का विषय है। तेजी से बढ़ते आवासीय कॉलोनियों के कारण जंगल साफ हो रहे हैं। प्रदूषण पर वार करने के लिए केन्द्र सरकार ने एक बड़ा प्रस्ताव बनाया है। इसके तहत नया घर या व्यवसायिक परिसर बनाते समय पेड़ लगाना अनिवार्य हो। जितने भूखंड पर निर्माण कार्य होगा उसके 10 फीसदी हिस्से में पेड़ पौधे अनिवार्य रूप से लगाने होंगे।
देश के शहरों में प्रदूषण में कमी लाने के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने एक बड़ा प्रस्ताव दिया है। इसके तहत आवासीय और व्यावसायिक निर्माण स्थलों में उनके भूखंड का कम से कम 10 प्रतिशत क्षेत्रों में वृक्ष लगाने के लिए कहा गया है। मंत्रालय ने 28 फरवरी को भवन निर्माण पर्यावरण प्रबंधन विनियम, 2022 पर एक मसौदा अधिसूचना जारी कर 60 दिनों के भीतर प्रस्ताव पर लोगों के सुझाव व आपत्तियां मांगी गई हैं।
इन पर होंगे नए नियम लागू
यह नियम उन परियोजनाओं पर लागू होंगे जिनमें नई भवन परियोजनाओं का निर्माण और 5,000 वर्ग मीटर से अधिक के निर्मित क्षेत्र वाले पुराने मौजूदा भवनों का विस्तार, नवीनीकरण या मरम्मत शामिल है। अधिसूचना में कहा गया है कि प्रत्येक 80 वर्गमीटर भूमि के लिए कम से कम एक पेड़ लगाया जाना चाहिए ताकि पेड़ के कवर एरिया में 10 फीसदी भूखंड क्षेत्र सुनिश्चित हो सके। यही नहीं मौजूदा पेड़ों की गणना भी की जाएगी।
जानें क्या हैं पर्यावरण मंत्रालय के दिशा-निर्देश
पर्यावरण मंत्रालय के दिशा निर्देशों में कहा गया है कि इमारतों, सड़कों, पक्के क्षेत्रों और बाहरी सेवाओं के लिए प्रस्तावित क्षेत्रों से ऊपरी मिट्टी को केवल 20 सेमी की अधिकतम गहराई तक ही हटाया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि परियोजना के निर्माण चरण के दौरान केंद्रीय भूजल प्राधिकरण की पूर्व स्वीकृति के बिना आर्द्रभूमि और जल निकायों और भूजल पर किसी भी निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती है। यदि प्रस्ताव पर सहमति बनती है तो पर्यावरण मंत्रालय जल्द ही इसे लागू कर सकता है।