रायपुर। राहुल गांधी के रायपुर आगमन के दौरान पुलिस से झड़प व कथित हिंसा को लेकर नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति ने बयान जारी किया है। संगठन ने कहा है कि किसान रैली को बदनाम करने बाहरी लोगों द्वारा इस तरह की निंदनीय हरकत की गई। किसान संगठन उक्त घटना की निंदा करता समिति ने यह भी तय किया है कि किसान आन्दोलन में अब बाहरी व राजनीतिक व्यक्तियों को शामिल नहीं होने दिया जाएगा।
समिति के सचिव कामता प्रसाद की तरफ से जारी बयान के अनुसार उन्होंने कलेक्टर रायपुर के माध्यम से 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को सांसद राहुल गांधी या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ बैठक कराने का अनुरोध किया था। इस संबंध में समिति के द्वारा 1 फरवरी को पत्र भी लिखा गया था। सांसद राहुल गांधी के आगमन के दिन सभी किसान परिवार अनुशासन पूर्वक आगे बढ़ रहा थे।
कामता प्रसाद ने कहा कि शांतिपूर्वक आंदोलन हो इसके लिए महिलाओं को रैली में आगे रखा गया था। समिति के सचिव के अनुसार पुलिस ने किसान रैली को जहां रोका वो वहीं रूक गए थे। लेकिन कुछ असामाजिक तत्व किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए साजिश रचते हुए सुनियोजित ढंग से बैरिकेट के पास पहुंच गए और उन्हें तोड़कर पत्थर चलाए और मारपीट की। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए इस हरकत की कड़े शब्दों में निंदा करता है।
बता दें राहुल गांधी के रायपुर आगमन के पूर्व ही किसान संगठनों ने राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा था। जिला कलेक्टर के माध्यम से यह मांग रखी गई थी। नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन लाल चंद्राकर ने बताया कि हमने मिलने का समय मांगा था लेकिन नहीं दिया गया। हमने शांतिपूर्वक रैली निकाली थी इस रैली को बदनाम करने की साजिश हुई है जिसकी हम निंदा करते हैं।