कोरबा। जिले में किडनी चोरी के मामले में नया खुलासा हुआ है। जिस डॉक्टर ने इलाज किया था उसकी एमबीबीएस डिग्री ही फर्जी है। डॉक्टर के खिलाफ मिली शिकायत के बाद जांच शुरू की गई तब जाकर मामला खुला। इस मामले में अब डॉक्टर के खिलाफ धारा 419, 420 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
फिलहाल इस मामले में डॉक्टर की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। वहीं डॉक्टर की फर्जी डिग्री को लेकर स्वास्थ्य विभाग में हडकंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग यह पता लगाने की कोशिश में है कि डॉक्टर आखिर फर्जी डिग्री के साथ इतने दिनों तक कैसे इलाज किया जा रहा है। वहीं पुलिस द्वारा इस मामले में डॉक्टर के खिलाफ मिले दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
जानें क्या था पूरा मामला
संतोष गुप्ता नाम के शख्स ने 10 साल पहले 2012 में पथरी का इलाज कोरबा के रजगामार रोड स्थित सृष्टि इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल में कराया था। पीड़ित संतोष गुप्ता के अनुसार 10 साल पहले इंस्टिट्यूट में पदस्थ चिकित्सक डॉक्टर एसएन यादव ने उनका इलाज किया था। इलाज के बाद सब कुछ ठीक था लेकिन अचानक कुछ दिन पहले संतोष गुप्ता के पेट में तेज दर्द हुआ।
संतोष गुप्ता जब पेट दर्द का इलाज कराने पहुंचा तो डॉक्टरों ने जांच कर बताया उनकी एक किडनी नहीं है। इस मामले की शिकायत संतोष गुप्ता ने जिला स्वास्थ्य विभाग में दर्ज कराई। स्वास्थ्य विभाग ने पूरी जांच करने के बाद शिकायत को सही पाया और डॉक्टर एसएन यादव के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया।
दरअसल इस मामले में शिकायत के बाद जिले की कलेक्टर रानू साहू द्वारा जांच समिति गठित की गई थी। सीएमएचओ ने मामले की जांच की तो पता चला कि सृष्टि मेडिकल कालेज इंस्टीट्यूट के डॉक्टर एसएन यादव की एमबीबीएस की डिग्री फर्जी है। यह डॉक्टर 11 साल तक अस्पताल में काम करता रहा। स्वास्थ्य विभाग इस मामले में यह पता लगा रही है कि आखिर उस डॉक्टर ने अब तक ऐसे कितने ऑपरेशन किए।
डॉक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज
इस मामले में कोरका एएसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि जांच में डॉ एसएन यादव की एमबीबीएस की डिग्री फर्जी निकली है। इसके बाद डॉ यादव के खिलाफ धारा 419, 420 के तहत अपराध दर्ज कर किया गया है। फिलहाल डॉक्टर के अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है। अभी डॉक्टर की गिरफ्तारी नहीं हुई है। दस्तावेजों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।