कोरबा। जिले के कोसाबाड़ी में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्री माने जाने वाले पहाड़ी कोरवा एक महिला की कोहनी फ्रेक्चर हो गई थी। केवल फ्रेक्चर के इलाज के दौरन महिला की मौत हो गई। इसे लेकर भाजपाइयों ने लापरवाही बरतने को लेकर हंगामा कर दिया। कार्रवाई को लेकर अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए, उसके बाद प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की।
मामले के अनुसार राष्ट्रपति के दत्तक पुत्री मानी जाने वाली पहाड़ी कोरवा महिला की मौत के बाद कोरबा के जिला प्रशासन ने अस्पताल पर कार्रवाई की। पुलिस की उपस्थिति में गीता देवी मेमोरियल अस्पताल को सील कर दिया गया। मामला शांत कराने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली।
लेमरु थाना क्षेत्र के ग्राम कोरई में रहने वाली सोनी बाई की कोहनी फ्रेक्चर हो गई थी, जिसे उपचार के लिए पहले जिला अस्पताल लाया गया। आरोप है कि यहां के डॉक्टर ने पैसे कमाने के चक्कर में बेहतर उपचार का झांसा देकर गीता देवी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती करवा दिया। यहां महिला का उपचार तो हुआ लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई।
मिली जानकारी अनुसार महिला सोनी की मौत के बाद यह मामला काफी गर्मा गया था। राष्ट्रपति की दत्तक पुत्री के उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए रामपुर विधायक, भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के साथ अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए। वे दोषी डॉक्टरों और अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए थे। इसे लेकर सुबह से शुरु हुआ प्रदर्शन रात भर चला। मामला शांत कराने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली।
इधर धरने पर बैठे ननकीराम कंवर ने कहा कि जब तक कार्रवाई नहीं होगी वे नहीं हटेंगे। मामला बिगड़ते देख अस्पताल के बाहर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई थी। इतने में अस्पताल को सील करने का आदेश जारी कर दिया गया। कोरबा एसडीएम खुद मौके पर पहुंचे और अस्पताल में तालाबंदी की। इधर प्रशासन की कार्रवाई को अस्पताल के डायरेक्टर ने दुर्भावनापूर्ण करार दिया। वहीं रामपुर विधायक की कार्यप्रणाली को ही सवालों के घेरे में ला दिया।
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्री की इलाज के दौरान मौत के बाद गीता देवी अस्पताल के सील होने से शहर के सभी निजी अस्पताल प्रबंधनों में हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच कलेक्टर ने भी सभी निजी अस्पतालों की जांच करने के निर्देश जारी कर दिए।
(TNS)