रायपुर। रायगढ़ में शुरू हुए वकीलों व तहसीलदारों का विवाद अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) तक पहुंच गया है। इस मामले में बीसीआई ने संज्ञान लिया है। बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा के नाम पत्र लिखकर कहा है कि वकीलों को रिहा करें।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने बीजेपी को लिखे पत्र में यह भी कहा है कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे छत्तीसगढ़ के भ्रष्ट अधिकारी हैं। वकील अपना काम करने गए थे लेकिन भ्रष्ट व्यवस्था के कारण काम नहीं हो रहा था। पूरे विवाद की वजह यही है। वकील निर्दोश हैं उन्हें जल्द रिहा किया जाए।
बीसीआई ने कहा है कि बेगुनाह वकीलों पर दर्ज सभी केस वापस लिए जाए। और उन्हें रिहा किया जाए। डीजीपी को लिखे पत्र में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने कहा है कि वकीलों पर झूठे प्रकरण दर्ज कराए गए हैं। जिन्हें वापस लिया जाना चाहिए और वकीलों को रिहा किया जाना चाहिए।
बता दे यह पूरा विवाद 11 फरवरी को शुरू हुआ। दरअसल एक नामांतरण कराने के लिए वकील तहसील कार्यालय थे। यहां पर विवाद के बाद माहौल बिगड़ा और मारपीट शुरू हो गई। तहसील कार्यालय के अफसरों का आरोप है कि वकीलों ने उनके साथ मारपीट की है। बीच-बचाव करने आए नायब तहसीलदार से भी मारपीट की गई। इस मामले में अफसरों ने 3 दिन लगातार प्रदर्शन किया।
14 फरवरी को पूरे प्रदेश भर में काम बंद कर प्रदर्शन किया गया। इस मामले में पुलिस ने अपराध दर्ज कर वकीलों को गिरफ्तार भी कर लिया है। वकीलों की गिरफ्तारी से नाराज अधिवक्ता संघ ने भी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। प्रदेश भर के अधिवक्ता काली पट्टी लगाकर काम कर रहे हैं। वकीलों ने कहा है कि निर्दोष वकीलों को रिहा किया जाए। बुधवार को स्टेट बार काउंसिल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ के वकीलों ने काली पट्टी बांधकर काम किया। वही अब इस मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी एंट्री ले ली है।