तीरंदाज डेस्क। रूस-यूक्रेन युद्ध का असर दुनिया भर में दिखने लगा है। आयाता निर्यात से जुड़े मसलों के कारण दुनिया भर में इसका असर देखा जा रहा है। इस बीच भारतीय स्टेट बैंक ने एक शोध रिपोर्ट जारी की है जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत में बन रहे हालात को बताया गया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आगे जाकर देश में महंगाई और बढ़ेगी, जिसका घरेलू बजट पर सीधा असर पढ़ेगा।
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि युद्ध की वजह से कच्चे तेल के दाम बढ़े हैं जिससे भारत को एक लाख करोड़ रुपए तक का नुकसान पहुंच सकता है। रूस के हमले के बाद कच्चे तेल की कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल के अधिकतम स्तर तक पहुंच गई हैं। एसबीआई शोध रिपोर्ट में दावा किया गया है, युद्ध ज्यादा दिनों तक चला अगले वित्त वर्ष में सरकार के राजस्व में 95 हजार करोड़ से एक लाख करोड़ रुपए तक कमी आ सकती है।
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके कारण सभी वस्तुओं व उत्पादों की कीमतों पर असर हो सकता है, जिससे घरेलू महंगाई बढ़ेगी। एसबीआई का यह भी दावा है कि रूस यूक्रेन युद्ध का एशियाई देशों में सर्वाधिक असर भारत पर पड़ेगा। फिलहाल भारत सरकार ने इसे काबू में रखा हुआ है लेकिन यदि युद्ध का असर ज्यादा दिनों रहने पर ऐसा करना संभव नहीं हो पाएगा।
जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ
वित्तीय समीक्षकों की माने तो यदि कच्चे तेल कीमत 100 से 110 डॉलर की सीमा में रहती है तो वैट के ढांचे के अनुसार पेट्रोल-डीजल की कीमत मौजूदा दर से 9 से 14 रुपये प्रति लीटर अधिक होनी चाहिए। सरकार उत्पाद कर घटा कर कीमत बढ़ने से रोकने का प्रयास करती है। इसके कारण भारत को हर महीने 8,000 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा।
अगले वित्त वर्ष में यदि पेट्रोल-डीजल की मांग 8 से 10 प्रतिशत बढ़ती है, तो पूरे वर्ष में नुकसान एक लाख करोड़ रुपए तक पहुंचेगा। जिसका असर महंगाई पर होगा। बता दें कि अप्रैल 2021 में कच्चे तेल की कीमतें 63.4 डॉलर थी तो जनवरी 2022 में 84.67 डॉलर तक पहुंच गईं। इस दौरान करीब 33.5 फीसदी वृद्धि हुई। वर्तमान में 105 रुपए प्रति डॉलर पर है। एक माह में ही इसमें 25 फीसदी वृद्धि की गई है।