तीरंदाज डेस्क। रूस यूक्रेन युद्ध के बीच भारतीय छात्रों को वापास लाने की कवायद तेज कर दी गई है। भारतीय छात्रों को संकटग्रस्त क्षेत्र से निकाला जा रहा है। इस बीच खबर है कि भारतीय छात्रों का पहला जत्था रोमानिया-पोलैंड बार्डर पर पहुंच गया है। यहां से इन छात्रों को एयरलिफ्ट किया जाएगा। बताया जा रहा है रोमानिया व पोलैंड बॉर्डर पर भारी भीड़ हो गई है और सरकार वहां जांच प्रक्रिया पूरी एक एक को दाखिल कर रहा है।
बता दें रूस यूक्रेन युद्ध के कारण भारतीय छात्रों को वहां से सकुशल निकालने के प्रयास तेज किए गए हैं। इसी कड़ी में भारतीय छात्रों का एक जत्था रोमानिया व पोलैंड के बॉर्डर पर पहुंच गया है। इस जत्थे में छत्तीसगढ़ के भी कई छात्र हैं। इस संबंध में दिल्ली में छत्तीसगढ़ के नोडल अधिकारी गणेश मिश्र ने जानकारी दी है। उन्होंने कहा है भारतीय छात्रों का एक जत्था रोमानिया व पोलैंड पहुंचा है जहां से उन्हें एयरलिफ्ट किया जाएगा।
भारतीय छात्रों को वापस लाने का पूरा खर्च केन्द्र सरकार उठा रही है। इस सबंध में भी छत्तीसगढ़ के नोडल अधिकारी गणेश मिश्र ने जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय छात्रों के वापसी का पूरा खर्च केन्द्र सरकार द्वारा उठाए जाने की की जानकारी मिली है। अभी तक छत्तीसगढ़ सदन को केन्द्र की ओर यात्रा खर्च को लेकर किसी तरह की इंक्वायरी नहीं मिली है इससे माना जा रहा है कि पूरा खर्च केन्द्र सरकार वहन कर रहा है।
इधर इंडियन एंबेसी जारी की एडवायजरी
इस बीच यूक्रेन में इंडियन एंबेसी ने एडवायजरी जारी की है। जिसमें कहा गया है कि कोई भी भारतीय नागरिक, दूतावास के अधिकारियों के समन्वय के बिना सीमा चौकियों पर न जाए। रूस यूक्रेन पर चारों ओर से हमला कर रहा है। इसलिए सीमा चौकियों के पास भी काफी खतरा है। इसलिए अधिकारियों के समन्वय के बाद ही वे किसी जगह के लिए निकलें।
दूतावास की ओर से जारी एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि यूक्रेन के पश्चिम शहर सुरक्षित हैं और वहां पर सुरक्षित रहा जा सकता। फिलहाल युद्ध का खतरा पूर्वी क्षेत्रों में ज्यादा है। भारतीय दूतावास की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया था, कि सीमा चौकियों पर स्थिति संवेदनशील है। इसलिए हमारा दूतावास अन्य देशों के दूतावासों के साथ मिलकर काम कर रहा है और नागरिकों को निकालने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं।