मुंबई। स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन के बाद संगीत की दुनिया में इस महीने दूसरी बड़ी क्षति के रूप में बप्पी लहरी का निधन ऑब्सट्रेक्टिव स्लीप एपनिया की वजह से हुआ है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि यह बीमारी क्या है और कितनी खतरनाक है।
यह एक संभावित गंभीर स्लीप डिसऑर्डर है, जिसमें बार-बार सांस लेना बंद हो जाता है और अपने आप शुरू हो जाता है। यदि आप जोर से खर्राटे लेते हैं और पूरी रात की नींद के बाद भी थकान महसूस करते हैं, तो आप भी स्लीप एपनिया के शिकार हो सकते हैं। ‘ऑब्सट्रेक्टिव स्लीप एपनिया’ बीमारी में नींद के दौरान सांस लेने में समस्या होती है। नींद में बाधा आने से हृदय रोग और उच्च रक्तचाप का जोखिम भी बढ़ने लगता है। इसकी मुख्य कारण अधिक वजन, जीभ का बड़ा आकार और टॉन्सिल होते हैं।
स्लीप एपनिया के लक्षण
सांस लेने में रुकावट, खर्राटे लेना, थकान महसूस होना, दिन में अत्यधिक नींद आना, रात में बार-बार पेशाब करने के लिए उठना इसके संभावित लक्षण में शामिल हैं। इसके अलावा ध्यान, सतर्कता और एकाग्रता की कमी भी होती है। स्लीप एपनिया के उपचार के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई CPAP मशीन का उपयोग आवश्यक है। इसकी वजह से रोगी को सोते समय टंग रिटेनिंग और माउथपीस का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। यह श्वसन पथ के ऊपरी वायुमार्ग में रुकावट को कम करने और खोलने में मदद करता है।
कोलकाता में हुआ था सोने के शौकीन बप्पी का जन्म
बप्पी लाहिरी का जन्म कलकत्ता में शास्त्रीय संगीत की समृद्ध परंपरा वाले परिवार में हुआ था। उनके पिता अपरेश लाहिरी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे और उनकी मां, बंशोरी लाहिरी एक संगीतकार और एक गायिका थीं, जो शास्त्रीय संगीत और श्यामा संगीत में पारंगत थीं। गहनों के शौकीन बप्पी लहरी करीब एक करोड़ रुपए से अधिक का सोना पहनते थे, जिसका वजन करीब दो किलो था।