बीजापुर। बस्तर संभाग के इंदिरावती नदी पर निर्माणाधीन पुल की देख-रेख में नियुक्त इंजीनियर अशोक पवार और राजमिस्त्री आनंद यादव के अपहरण का आज पांचवां दिन है। घटना के बाद से अब तक दोनों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है और न ही प्रशासन की ओर से इस दिशा में किसी तरह के पहल की सूचना है।
इधर परिजन परेशान हैं, क्योंकि उनकी अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसलिए निजी कंपनी के अपहृत इंजीनियर अशोक पवार की पत्नी सोनाली पवार जहां से अपहरण हुए हैं, बेदरे के आसपास के जंगलों में एक आस के साथ पति को ढूंढ रहीं हैं। अपनी नन्हीं सी बच्ची को गोद में लिए पति की तलाश में जंगलों की खाक छान रही है।
सोनाली ने मीडिया के माध्यम से नक्सलियों को बता दिया है कि जब तक उनके पति को सकुशल रिहा नही कर दिया जाता तब तक वो बेदरे में ही डटी रहेंगी। सोनाली दिनभर बेदरे में खड़ी नदी की दूसरी ओर ताकती रहती हैं कि कहीं से उसका पति दिख जाए या कोई खबर लेकर आएगा। आज सोनाली का बेदरे में तीसरा दिन है।
इधर प्रदेश के प्रमुख आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने भी नक्सलियों से दोनों अपहृतों को रिहा करने की अपील की है। साय ने कहा है कि ऐसे निर्दोष लोगों का अपहरण कर या फिर उनको सजा देकर उन्हे कुछ हासिल नहीं होने वाला है। उनका कहना है यदि नक्सलियों को कोई दिक्कत या परेशानी है तो उन्हें प्रशासन के साथ बैठकर बात करनी चाहिए।
प्रमुख आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने आगे कहा कि दुनियां में किसी भी समस्या का हल युद्ध से नहीें निकलता, चाहे वह विश्वयुद्ध ही क्यों न हो। आखिरकार टेबल पर बैठकर बात करने से ही समस्या का समाधान नकल पाता है। वहीं अपहृत इंजीनियर की पत्नी सोनाली ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपने पति की रिहाई में मदद की गुहार लगाई है।
बीजापुर के विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम शाह मंडावी ने भी नक्सलियों से इंजीनियर और राज मिस्त्री को सकुशल रिहा करने की अपील की है। अपनी अपील में मंडावी ने कहा है कि अगुवा इंजीनियर अशोक पवार और राज मिस्त्री आनंद यादव गरीब परिवार से हैं। काम करके अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए बेदरे आए हैं। इनकी पारिवारिक स्थिति को देखते हुए दोनों को मानवता के नाते सकुशल रिहा करें।
(TNS)