नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 का आम बजट पेश करने के दौरान घोषणा की थी कि वित्त वर्ष 2022-23 में आम लोगों के लिए E-Passport जारी किया जाएगा। इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में सांसदों को नए पासपोर्ट की खासियतों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था से लैस होगा, ताकि डाटा किसी भी हालत में चोरी न हो सके और वह हैक न हो सके।
उन्होंने बताया कि ई-पासपोर्ट बहुस्तरीय सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, क्योंकि डेटा नियमित पासपोर्ट की तरह कागज पर और सत्यापित चिप्स दोनों पर होगा। साथ ही डिजिटल सिग्नेचर को मान्यता के उद्देश्य से इसे अन्य देशों में भेजा जाएगा। सरकार भारतीय पासपोर्ट में रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप लगाने की तैयारी कर रही है, जिससे एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन में लगने वाले समय में बचत होगी। साथ ही, इसकी नकल करना आसान नहीं होगा।
पहला ई-पासपोर्ट 2008 में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को मिला था
बताते चलें कि भारत में पहला E-Passport साल 2008 में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को दिया गया था। अब तक भारत सरकार 20,000 से ज्यादा ई-पासपोर्ट जारी कर चुकी है। मगर, अब सरकार बड़े पैमाने पर आम लोगों के लिए ई-पासपोर्ट जारी करने की योजना पर काम कर रही है। यह वर्तमान में जारी होने वाले फिजिकल पासपोर्ट के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित होंगे।
इसमें पासपोर्ट होल्डर की निजी जानकारी, एक चिप में डिजिटली स्टोर करके पासपोर्ट की बुकलेट में इंबेड की जाएगी। कॉन्टैक्टलेस स्मार्ट कार्ड टेक्नोलॉजी से लैस इस कार्ड में एक रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप, पासपोर्ट के फ्रंट या बैक कवर में लगी होगी। पासपोर्ट में लगे चिप के साथ अगर किसी ने छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई तो सिस्टम इसकी पहचान अपने आप कर लेगी। जिससे डुप्लीकेट और फर्जी पासपोर्ट पर लगाम लगाया जा सकेगा। ई-पासपोर्ट (E-Passport) के जरिए ग्लोबल स्तर पर इमीग्रेशन प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
The e-passports will ensure multiple layered security as the data will be on paper like regular passports and also on the verified chips: External Affairs Minister S Jaishankar in Lok Sabha on data security issue regarding the e-Passports pic.twitter.com/YK2AIdZYjo
— ANI (@ANI) February 4, 2022