लोरमी। अवैध काम के जरिए मोटी कमाई के लिए भ्रष्टाचारी कहीं से भी माध्यम ढूंढ ही लेते हैं। वे वन्य जीवों के रहवासी क्षेत्र को भी नहीं छोड़ रहे हैं। आगे इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है। वन्य जीव गांवों की ओर रूख कर रहे हैं।
ऐसा ही मामला मुंगेली जिले में सामने आया है। यहां के वन विभाग की मिलीभगत से भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। यहां स्थित अचानकमार टाइगर रिजर्व के जंगलों में टाइगर सहित अन्य वन्यप्राणी के साथ पेड़-पौधे भी सुरक्षित नहीं दिख रहा है। अचानकमार टाइगर रिजर्व के जवाबदार अधिकारियों के संरक्षण में खुलेआम पड़ों की कटाई की जा रही है। वन्यप्राणियों के लिए खुदवाए जा रहे तालाब में ठेकेदार और अधिकारी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी कर रहे हैं।
जानकारी अनुसार अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र के कोर जोन में 2 जेसीबी सहित 3 ट्रैक्टर की मदद से तालाब खुदाई का कार्य किया जा रहा है। अचानकमार सर्किल के साटापानी से लगे कक्ष क्रमांक 189 बीजाधोढ़ी बीट के घने जंगल में तालाब बनाने का काम पिछले एक सप्ताह से जारी है। इसकी आड़ में आसपास क्षेत्र में स्थित छोटे-बड़े सैकड़ों पेड़ों की बलि चढ़ाई जा रही है।
ऐसी गड़बड़ी से सवाल उठता है कि जिस वन विभाग के अधिकारियों को जंगल में विचरण करने वाले वन्यजीव सहित पेड़-पौधे को सुरक्षित रखने का जिम्मा है, वे खुद मशीन से जंगल को उजाड़ने के काम में लगे हुए हैं। मामले में अब तक कोई सामने नहीं आया है। जंगल की हरियाली उजड़ रही है। इससे साफ है कि कहीं न कहीं विभाग के अधिकारी ही इस भ्रष्टाचार में संलिप्त है।
वन क्षेत्र में चल रहे काम में बता दें कि बीते कुछ दिनों पहले अचानकमार सर्किल के जंगल में जेसीबी मशीन से तालाब निर्माण का काम चल रहा था। इस काम के विरोध में एटीआर के ग्रामीणों ने रोजगार देने की मांग को लेकर जेसीबी मशीन और ट्रेक्टर को बंद कराया था, लेकिन मौके पर मौजूद अचानकमार के रेंजर समसुद्दीन फारूखी ने ग्रामीणों को रोजगार देने की बात कहते हुए समझाइश दे दी थी।
लोगों ने बताया कि ग्रामीणों के जाते ही सप्ताह भर के भीतर जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर से ही तालाब खुदाई का काम करवा दिया गया। ऐसे में स्पष्ट है कि विभाग के अधिकारी ही भ्रष्टाचार में संलिप्त है। इसमें वन विभाग के कर्मचारियों की बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है।
इस काम में वन विभाग के अधिकारी की उदासीनता के चलते वनांचल में रहने वाले बैगा आदिवासी परिवार के सामने बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई है। उन्हें किसी भी तरीके से वनांचल में रोजगार नहीं मिल रहा है। लिहाजा बैगा आदिवासी परिवार जीवन-यापन के लिए पलायन को मजबूर हो रहे हैं।
बता दें एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार अचानकमार टाइगर रिजर्व के जंगल में कई कार्य प्रतिबंधित है। उसके बाद भी मशीन से काम करवाकर जंगल के हरे-भरे पड़ों की बलि चढ़ाई जा रही है। दूसरी गड़बड़ी विभाग के अधिकारियों के नाक के नीचे ही ठेकेदार खुलेआम बेखौफ अवैध मिट्टी-मुरुम उत्खनन कर रहा है।
मामले पर एटीआर कोर क्षेत्र के एसडीओ प्रहलाद यादव ने बताया कि ठेकेदार द्वारा टेंडर प्रक्रिया के तहत अचानकमार सर्किल में तालाब निर्माण कार्य कराया जा रहा है। अन्य रेंज में कार्य की जानकारी मुझे नहीं है।
(TNS)