उज्जैन। पूरे देश में हिजाब को लेकर विवाद चल रहा है। कर्नाटका से उठा मामला अब पूरे राज्यों में मुद्दा बना हुआ है। हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। इस बीच देश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल उज्जैन महाकाल मंदिर में बुर्का पहनकर दर्शन करने का मामला सामने आया है।
दरआसल महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में गुरुवार सुबह एक हिंदू महिला बुर्का पहनकर दर्शन करने पहुंची थी। ऐसा कभी हुआ नहीं है। इस स्थिति में मंदिर के सुरक्षाकर्मियों को शंका हुई तो पुलिस को सूचना दी गई। उसके बाद महाकाल पुलिस उसे थाने ले गई।
माता-पिता और भाई के साथ मंदिर पहुंची महिला ने पुलिस को जो बात बताई उसे सुनकर सभी अवाक से रह गए। महिला ने कहा कि उसे जिन्न ने आदेश दिया था, इस कारण उन्होंने बुर्का पहनकर मंदिर में गई थी।
मामले पर थानेदार मुनेंद्र गौतम ने बताया कि भीलवाड़ा निवासी लक्ष्मी अपनी मां व रिश्तेदार किशन पुत्र डालचंद के साथ गुरुवार सुबह बस से उज्जैन पहुंची थी। बताया जा रहा है कि लक्ष्मी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। लक्ष्मी ने अपने परिवार को बताया कि उसे जिन्न ने आदेश दिया कि वह काले कपड़े पहनकर महाकाल के दर्शन करे तो वह ठीक हो जाएगी।
उसके बाद लक्ष्मी के परिवार के लोग उसे लेकर उज्जैन पहुंचे थे। मंदिर में प्रवेश के दौरान सुरक्षाकर्मियों को शंका हुई तो उन्होंने उन्हें रोका। उनका जवाब सुनकर मंदिर के सुरक्षाकर्मियों ने पुलिस को सूचना दी। इस दौरान कुछ लोगों ने आपत्ति भी की थी। पुलिस ने उसे थाने ले जाकर पूछताछ की थी। पुलिस ने पूरी तरह तस्दीक करने व आधार कार्ड देखने के बाद महिला को छोड़ दिया।
इस तरह के कपड़े पहन कर आना प्रतिबंधित
बता दें कि इस मंदिर में ऐसा किसी तरह का कपड़ा पहन कर आना प्रतिबंधित है। मामले पर मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने जानकारी दी कि धार्मिक दृष्टि से मंदिर के कुछ नियम हैं। उसके अनुसार बुर्का पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं किया जा सकता। सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने आगे बताया कि हमने आज तक किसी को बुर्का पहनकर मंदिर में प्रवेश करते नहीं देखा। उन्होंने कहा कि महिला जब भीतर प्रवेश कर रही थी तभी मंदिर कर्मचारियों की नजर उस पर पड़ी। अधिकारियों को सूचना दी गई। इसके बाद कर्मचारियों ने उसे पुलिस को सौंपा।
(TNS)