तीरंदाज, बजट डेस्क। जिस क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) को कभी बैन करने की बात की जा रही थी, उसे अब सरकार अपनाने जा रही है। मंगलवार को अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (finance minister nirmala sitaraman) ने एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि आरबीआई (RBI) यानी भारतीय रिजर्व बैंक अपनी डिजिटल करेंसी (क्रिप्टो करेंसी) लाएगा। इस घोषणा के बाद क्रिप्टो करेंसी के भारतीय प्लेटफार्म वजीरेक्स (wazirx) पर लगभग सभी क्रिप्टो कॉइन (crypto coin) में उछाल आ गया।
दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल करेंसी के चलन को देखते हुए अब भारत सरकार भी डिजिटल करेंसी ला रही है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में इसकी घोषणा करके भारत के उन लाखों लोगों को राहत दी है, जिन्होंने करोड़ों स्र्पयों का निवेश डिजिटल करेंसी में कर रखा है। एक अनुमान के अनुसार भारत की करीब दस फीसदी आबादी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रही है। अगर राशि के रूप में इसे देखा जाए तो 70 से 80 हजार करोड़ स्र्पये का निवेश भारतीयों ने डिजिटल करेंसी में कर रखा है।
सरकार के डिजिटल करेंसी बाजार में आने से भारतीय निवेशकों का धन सुरक्षित हो सकेगा, बल्कि आरबीआई को भी पैसे जुटाने का मौका मिलेगा। डिजिटल करेंसी की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जो बिटकॉइन (bitcoin) 2010 में करीब 7.75 स्र्पये था, वही आज 30.43 लाख स्र्पये का है। क्रिप्टो करेंसी के तेजी से भागते बाजार में आज बड़ी संख्या में लोग निवेश कर रहे हैं। जनता का क्रिप्टो करेंसी की ओर आकर्षण देखते हुए सरकार ने भी इसका फायदा उठाने का मन बनाया है।
30 फीसदी देना होगा टैक्स
जहां एक ओर सरकार ने क्रिप्टो को एक तरह से स्वीकार किया, वहीं दूसरी ओर इस पर भारी टैक्स भी लगाया है। क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर सरकार 30 फीसदी टैक्स वसूलेगी। इसमें किसी तरह का स्लैब या रियायत नहीं होगी। 30 प्रतिशत टैक्स फ्लैट होगा। यह राशि भले ही ज्यादा हो, लेकिन क्रिप्टो निवेशकों को एक सुरक्षा भी मिलने की उम्मीद है। क्योंकि सरकार इसे रेग्युलेट करेगी।
ऐसे समझें, क्या है क्रिप्टो करेंसी
क्रिप्टो करेंसी और सामान्य करेंसी में सबसे बड़ा अंतर यह है कि सामान्य करेंसी को हम जेब में रखकर चल सकते हैं, यानी इसका एक भौतिक रूप होता है। जबकि क्रिप्टो करेंसी आपकी जेब में न होकर डिजिटल रूप में आपके किसी डिजिटल खाते में होती है। अगर हम इसे किसी दूसरे व्यक्ति को देना चाहंे तो उसे डिजिटल रूप में ही ट्रांसफर किया जा सकता है। भारत में डिजिटल करेंसी से सीधो खरीदारी करने की सुविधा नहीं है।