रायपुर। रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच बड़ी संख्या में पढ़ने वाले बच्चे वहीं फंस गए हैं। यूक्रेन में भारतीय छात्रों की मदद के लिए चल रहे प्रयासों के बीच NACHA (ग्लोबल छत्तीसगढ़ एनआरआई कम्युनिटी) मदद के लिए आगे आया है। नाचा ने वहां के स्थानीय छात्रों से संपर्क कर लगभग 150 से ज्यादा छत्तीसगढ़ी छात्रों को इकट्ठा करने में मदद करने के साथ उन्हें व्हाट्सएप से जोड़ा है।
संस्था NACHA के कार्यकारी अध्यक्ष गणेश कर ने जानकारी दी कि यह उन सभी भारतीय छात्रों के लिए बहुत ही दर्दनाक स्थिति थी जो इस समय यूक्रेन में हैं। वे भारत सरकार की मदद से निकाले जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके लिए सभी परिवारों से अनुरोध किया है कि वे स्थिति के बारे में ज्यादा चिंता न करें क्योंकि कई छात्र हैं। सभी एक-दूसरे से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं।
बताया कि भारत सरकार उनको परेशानी से निकालने की पूरी कोशिश कर रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही बहुत अच्छी खबर आएगी। गणेश कर ने कहा कि हम कई छात्रों-अभिभावकों के संपर्क में हैं। हमने अधिकांश छात्रों को जोड़ा और छत्तीसगढ़ के लगभग 160 छात्रों को एकत्र किया। यूक्रेन, हंगरी, रोमानिया और पोलैंड में भारतीय दूतावास को 1000 से अधिक भारतीय छात्रों के साथ उनका विवरण दिया जो यूक्रेन के विभिन्न विश्वविद्यालयों से हैं। उन्होंने साथ ही यूक्रेन में छत्तीसगढ़ के सभी छात्रों के लिए समन्वय कर रहे मयंक पाल को धन्यवाद दिया।
गणेश कर ने उल्लेख किया कि यूक्रेन में लगभग 25 हजार भारतीय रहते हैं, और उनमें से 20,000 छात्र हैं। कुछ पहले ही भारत के लिए उड़ान भर चुके हैं। हम स्थिति से बहुत दुखी हैं, और उन सभी छात्रों की सुरक्षा के बारे में चिंतित हैं जो अपने देश लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कुछ विश्वविद्यालय, आश्रय, तहखाने, बंकर और कई क्षेत्रों में रह रहे हैं, और संपर्क किए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
वहां से लोगों को भारत जाने के प्रायस में राहत की बात यह है कि पोलैंड में भारतीय दूतावास ने घोषणा की कि वे आज भारतीय छात्रों के लिए तीन पिकअप स्थान खोल रहे हैं। NACHA ने सभी 150 छात्रों की सूची छत्तीसगढ़ सरकार को नोडल अधिकारी गणेश मिश्रा के माध्यम से दी है। छत्तीसगढ़ सरकार विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय कर रही है।
सुबह यूक्रेनी दूतावास ने एक नोट जारी किया, जिसमें भारतीय छात्रों के लिए किसी भी सीमा पर भारतीय दूतावास की हेल्पलाइन, चौकियों के साथ समन्वय के बिना नहीं जाने के लिए कहा गया। आगे गणेश कर ने बताया कि राज्य और केंद्र सरकार के साथ भारत में छात्रों के सभी ईमेल, फोन नंबर, रिश्तेदार नंबर साझा किए हैं। अब वे सभी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनसे संपर्क करने के लिए उस सूची का उपयोग कर सकते हैं।
बताया गया कि उन्हें भारतीय छात्रों के लिए सीमा खोलने के लिए सीमावर्ती देशों से बहुत अधिक अनुमोदन लेना होगा। हालांकि इस दौरान सभी दलों को समर्थन के लिए शामिल होने की आवश्यकता है। गणेश कर ने केंद्र मंत्री रेणुका सिंह को भी प्रगति की जानकारी दी।
(TNS)