रायपुर। राजधानी रायपुर में एक ऐसी महिला भिखारी की पहचान हुई है जो अच्छी खासी संपत्ति की मालकिन है। इस भिखारी महिला का एक बेटा विदेश में है तो दूसरा बेटा व्यापारी है, इसके बाद भी महिला भीख मांगती है। यही नहीं उस महिला भिखारी ने एक मकान भी किराए पर दे रखा है। यही नहीं उसका अच्छा खासा बैंक बैलेंस भी है।
सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा भिखारियों के पुनर्वास के लिए चलाए जा रहे अभियान के दौरान इस गजब भिखारी महिला का पता चला। समाज कल्याण विभाग के अफसर भी उस महिला भिखारी की कहानी सुनकर शॉक खा गए। सोचने वाली बात यह है कि सब कुछ होते हुए भी क्या कोई भीख मांग सकता है। लेकिन राजधानी में मिले इस केस से यह बात भी सही लगने लगी है।
समाज कल्याण विभाग भिखारियों को बेहतर जीवन देने के लिए अभियान चला रहा है। राजधानी में ऐसे कई भिखारियों से मिलकर उन्हें समझाइश दी जा रही है और उन्हें सराकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। इसी दौरान समाज कल्याण विभाग के अफसरों को बेनवती नाम की महिला मिली। महिला से जब अफसरों ने चर्चा की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए।
खाते में 60 हजार, मकान का किराया 6 हजार
जब समाज कल्याण विभाग के अफसरों ने महिला भिखारी बेनवती से चर्चा की तो उसने बताया कि उसे कोई बीमारी है, जिसकी वजह से वह मंदिरों व मस्जिदों के चक्कर लगाती रहती है। यही नहीं उसने बताया कि उसका एक मकान है जसे किराए पर दे रखा है। इस मकान से हर माह 6 हजार रुपए किराया मिलता है। बेनवती ने यह भी बताया कि उसके बैंक खाते में 60 हजार रुपए से ज्यादा जमा हैं। एक बेटा विदेश में और दूसरा व्यापारी है।
पुनर्वास केन्द्र में लाने पर हो रहे खुलासे
समाज कल्याण विभाग के अफसरों की माने तो पुनर्वास केन्द्र में लाने के बाद बड़ी संख्या में भिखारी यह काम बंद करने का वादा कर निकल जाते हैं। हमारे सर्वे में ऐसे कई भिखारी मिल हैं जो संपन्न है। रोजाना भीख मांगकर ही हजारों रुपए कमाते हैं। अफसरों ने बताया कि कई लोग अच्छी कमाई के कारण इस काम में हैं तो कई संगति में चल देते हैं। इनका बहुत बड़ा नेटवर्क है। विभाग द्वारा ऐसे सभी भिखारियों को पुनर्वास केन्द्र में लाकर बेहतर जीवन देने का प्रयास किया जा रहा है।