रायगढ़। जिला तहसील कार्यालय में शुक्रवार को वकीलों ने नायाब तहसीलदार व दो कर्मचारियों की पिटाई कर दी। जमीन नामांतरण को लेकर हुए विवाद के बाद वकीलों ने दो कर्मचारियों की पिटाई की। बीच बचाव करने पहुंचे नायाब तहसीलदार को भी नहीं छोड़ा। घटना के बाद विरोध में तहसील कार्यालय के सभी कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। वहीं वकीलों ने भी कलेक्टोरेट पहुंचकर धरना दिया।
मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पूर्व सिविल कोर्ट ने रेलवे बांग्ला 12 निवासी रामू राम यादव के जमीन नामांतरण का फैसला दिया था। नामांतरण के पूरी प्रक्रिया तहसील कार्यालय से होनी थी। बताया जा रहा है कि तहसीलदार द्वारा नामांतरण नहीं किया जा रहा था। इस वजह से नामांतरण की पूरी प्रक्रिया तहसील कार्यालय में अटकी थी। शुक्रवार को प्रार्थी रामू राम यादव के वकील जितेंद्र शर्मा नामांतरण कराने तहसील कार्यालय गए।
वकील जितेन्द्र शर्मा ने तहसीलदार के समक्ष तारे दस्तावेज दिखाते हुए आपत्ति दर्ज कराई। यहीं पर पूरा विवाद शुरू हुआ। इसके बाद यहां मारपीट शुरू हो गई। वकील जितेन्द्र शर्मा व उसके साथियों ने तहसील कार्यालय के दो कर्मचारियों की से मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद बीच-बचाव करने नायाब तहसीलदार आए तो उनके साथ भी कुछ वकीलों ने मारपीट की। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी सामने आया है जिसमें वकील मारपीट करते दिख रहे हैं।
तहसील के कर्मी व वकील बैठे हड़ताल पर
घटना को लेकर दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। वकीलों का कहना है कि तहसीलदार की ओर से पहले बदसलूकी की गई गलत तरीके से नामांकन अटकाया गया। जिसका हम विरोध करते हैं। वही तहसील कार्यालय के कर्मचारी इस बात को लेकर नाराज हैं कि कार्यालयीन समय में अधिकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई।
तहसील कार्यालय कर्मचारियों का कहना है कि जब तक मारपीट करने वाले वकीलों को गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक कार्यालय नहीं खुलेगा।जरूरत पड़ी तो या आंदोलन पूरे जिले व प्रांतीय स्तर पर किया जाएगा। वहीं वकीलों का भी कहना है कि तहसीलदार कार्यालय में बदसलूकी की गई है जब तक उन पर कार्यवाही नहीं होती तब तक काम नहीं करेंगे। फिलहाल पुलिस दोनों पक्षों में सुलह कराने का प्रयास कर रही है। हालांकि मारपीट करने वाले वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।